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हर जिले में कोरोना टेस्ट लैब नहीं, रक्त के नमूने इकट्ठा करने के लिए हैं पर्याप्त केंद्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि भले ही कोरोना जांच के लिए हर जिले में लैब नहीं हैं, लेकिन इससे जांच की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। सरकार ने सभी इलाके में रक्त के नमूने इकट्ठा करने के लिए पर्याप्त केंद्र बनाए हैं। स्वास्थ्य सेवा की निदेशक डॉक्टर साधना तायड़े ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को यह जानकारी दी है। हलफनामा सामाजिक कार्यकर्ता खलील अहमद की ओर से जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया है। याचिका में मुख्य रूप से गैर रेड जोन में आने वाले रत्नागिरी व अन्य जिलों में कोरोना की जांच के लिए लैब स्थापित करने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि बड़े पैमाने पर लोग रेड जोन से गैर रेड जोन में जा रहे हैं, लेकिन वहां जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इससे स्थानीय प्रशासन की मुश्किलें बढ़ रही हैं। कोरोना के संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा हैं, क्योंकि जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है।
हलफनामे के मुताबिक कोरोना का ज्यादा प्रकोप शहरी व कस्बाई इलाकों में है, जहां कमोवेश जांच की सुविधा उपलब्ध है। हलफनामे में कहा गया है कि कोरोना के मद्देनजर रक्त के नमूने इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशा निर्देशों के तहत इकट्ठा किए जाते हैं। इसलिए भले ही हर जिले में कोरोना जांच के लिए लैब नहीं है, लेकिन जांच की गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। आईसीएमआर के निर्देशों के तहत 250 किमी के दायरे में लैब बनाने का प्रावधान किया गया है। जहां तक बात रत्नागिरी की है, तो वहां के सिविल अस्पताल में लैब स्थापित की गई है। इस याचिका पर 5 जून को सुनवाई हो सकती है।
Created On :   3 Jun 2020 11:10 AM GMT