भ्रष्टाचार के आरोपी ईई उपयंत्री और ठेकेदार को चार-चार वर्ष की सजा, मामला 10 लाख के फर्जी बिल का

Corrupt deputy director and contractor got 4 years imprisonment
भ्रष्टाचार के आरोपी ईई उपयंत्री और ठेकेदार को चार-चार वर्ष की सजा, मामला 10 लाख के फर्जी बिल का
भ्रष्टाचार के आरोपी ईई उपयंत्री और ठेकेदार को चार-चार वर्ष की सजा, मामला 10 लाख के फर्जी बिल का

डिजिटल डेस्क, शहडोल। सड़क चौड़ीकरण के कार्य में लगभग 10 लाख रुपये का भ्रष्टाचार करने के आरोपी ईई, उपयंत्री व ठेकेदार को न्यायालय से 4-4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीष भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988) शहडोल के द्वारा बुधवार को सुनाए गए फैसले में राजेन्द्र प्रसाद वैश्य उपयंत्री ब्यौहारी एवं अविनाश दुबे कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) डी 11 सहपठित 13 (2) में 4 वर्ष एवं 10 हजार रुपये का जुर्माना, 420 में 3 वर्ष तथा 500 रुपये का जुर्माना, 465 में 2 वर्ष तथा 500 रुपये का जुर्माना, 467 में 4 वर्ष तथा एक हजार का जुर्माना, 468 में 3 वर्ष तथा 500 रुपये का जर्माना एवं न्यू विकास कन्ट्रक्सन कंपनी के ठेकेदार महीपाल सिंह निवासी रीवा को 465 में 2 वर्ष तथा 500 रुपये का जर्माना, 468 में 3 वर्ष तथा 500 रूपये का जुर्माना, 467 में 4 वर्ष तथा 1 हजार रुपये जर्माने से दंडित किया गया।

शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
मीडिया सेल प्रभारी नवीन कुमार वर्मा एडीपीओ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजेन्द्र प्रसाद हलवाई द्वारा 16 फरवरी 2010 को लोकायुक्त भोपाल को एक आवेदन पत्र मय शपथपत्र के प्रस्तुत किया था। जिसमे खटखरिहा तालाब से बस स्टैण्ड ब्यौहारी तक रीवा शहडोल के 1200 मीटर मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य निर्वहन में ठेकेदार, नगर पंचायत अध्यक्ष, मुख्य नगरपालिका अधिकारी व अन्य संबंधित जन द्वारा लापरवाही बरतने से संबंधित शिकायत की गई थी।

जांच में सही मिली शिकायत
शिकायत के आधार पर लोकायुक्त मुख्यालय भोपाल द्वारा लोकायुक्त रीवा को संबंधित शिकायत की जांच एवं वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जांच के दौरान पाया गया कि काफी लंबी मात्रा में गलत ढंग से काम कराकर फर्जी बिल तैयार कर कुल रुपए 9 लाख 92 हजार 890 रुपये का अधिक भुगतान कर घोटाला किया गया है। जांच उपरांत शिकायत को सही पाया गया था, जिसमें राजेन्द्र प्रसाद वैश्य उपयंत्री ब्यौहारी, अविनाश दुबे कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं न्यू विकास कन्ट्रक्सन कंपनी के ठेकेदार महीपाल सिंह निवासी रीवा विकास रीवा की संलिप्तता पाई गई थी। संपूर्ण विवेचना उपरांत लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध, चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा विचारण उपरांत आरोपीगण को दोषी पाते हुए उक्त सजा से दंडित किया गया। प्रकरण में अभियोजन की ओर से कविता कैथवास एडीपीओ शहडोल द्वारा पैरवी की गई।

Created On :   19 Dec 2018 3:48 PM GMT

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