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अब तक वसूल नहीं हो पाई है मुंबई-पुणे हाईवे की लागत, एमएसआरडीसी का हाईकोर्ट में दावा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि अब तक मुंबई-पुणे एक्सप्रेस प्रोजेक्ट की लागत नहीं वसूली हो पायी है। एमएसआरडीसी को अभी भी 22 हजार 370 करोड़ रुपए की वसूली करना बाकी है। इसलिए साल 2030 तक मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे पर टोल की वसूली जारी रहेगी। आईआरबी को मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे के टोल वसूली के लिए एजेंसी नियुक्ति किया गया है। टोल वसूली के लिए मई 2000 से 30 अप्रैल 2030 के लिए अनुबंध किया गया है। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमएसआरडीसी से जानना चाहा था कि आखिर लोगों को मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर कब तक टोल का भुगतान करना पड़ेगा। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान यह सवाल सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वाटेगांवकर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान किया था। याचिका में दावा किया गया था कि टोल ठेकेदार ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर अपेक्षा से अधिक टोल वसूल लिया है। प्रोजेक्ट की लागत वसूल की जा चुकी है। इसलिए एक्सप्रेस वे पर जारी अवैध टोल वसूली पर रोक लगाई जाए।
एमएसआरडीसी के टोल प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कोर्ट की ओर से किए गए सवाल व याचिका के जबाव में हलफनामा दायर कर कहा है कि साल 2030 तक टोल की वसूली जारी रहेगी। क्योंकि अभी भी (28 फरवरी 2021 तक) एमएसआरडीसी ने प्रोजेक्ट लागत वसूली के लक्ष्य को हासिल नहीं किया है। यह वसूली विभिन्न घटकों से जुड़ी है जिसमें पूजीगत लागत,आपरेशन-रखरखाव शुल्क, ब्याज व इंटरनल रेट आफ रिटर्न (आईआरआर) का समावेश है। हलफनामे में याचिका को आधारहीन बताया गया है और याचिका में मांगी गई राहत प्रदान करने का विरोध किया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि कैग कि रिपोर्ट के चुनिंदा चीजों को चुनकर याचिका में गुमराह करनेवाली जानकारी शामिल की गई है। याचिका में आधारहीन आरोप लगाए हैं। इसलिए याचिका पर सुनवाई करने के बजाय इसे खारिज कर दिया जाए।
Created On :   11 March 2021 6:26 PM IST