तापी नदी के किनारे बनेगा देश का पहला हार्स म्यूजियम,जानिए क्या होगा खास ?

countrys first horse museum will be built on the banks of Tapi river,
तापी नदी के किनारे बनेगा देश का पहला हार्स म्यूजियम,जानिए क्या होगा खास ?
तापी नदी के किनारे बनेगा देश का पहला हार्स म्यूजियम,जानिए क्या होगा खास ?

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश का पहला हॉर्स म्यूजियम नंदूरबार जिले के सारंगखेड़ा में बनाया जाएगा। खास बात है कि ये हॉर्स म्यूजियम डोम के आकार का होगा। जो तापी नदी के किनारे बनाया जाएगा। म्यूजियम में देश भर की विभिन्न नस्लों के घोड़ों की प्रतिकृति लगाई जाएंगी। जो कि पर्यटकों को आकर्षित करेंगी। यहां घोड़ों के इतिहास और देश की ऐतिहासिक धरोहर को दर्शाया जाएगा। 
       
म्यूजियम की ओर आकर्षित होंगे पर्यटक
हॉर्स म्यूजियम का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण के काम के लिए फिलहाल टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। म्यूजियम कुल 6.5 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी सारंगखेड़ा ग्राम पंचायत की  होगी। म्यूजियम देखने आने वाले लोगों को इसके लिए फीस देनी होगी या नहीं, यह फैसला ग्राम पंचायत को लेना होगा। यह म्यूजियम अपने आप में अनूठा होगा, जो सागरखेड़ा के वार्षिक घोड़ा मेले को अलग पहचान देगा। 

तापी नदी के किनारे बनेगा म्यूजियम
हॉर्स म्यूजियम के लिए 4.98 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसमें से 1.25 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। म्यूजियम में आर्ट गैलरी, प्रदर्शनी स्थल, ऑडियो-विजुअल रूम, रिसेप्शन डेस्क, भोजन स्टाल, प्रतीक्षा घर, दुकानें बनाई जाएंगी। म्यूजियम के दूसरे चरण में भी लगभग 5 करोड़ रुपए के विभिन्न काम किए जाएंगे। जिसमें हॉर्स म्यूजियम का मुख्य गेट, परिसर सौंदर्यीकरण, गार्डन, तापी नदी के किनारे को आकर्षित बनाया जाएगा। 

मेले में करोड़ों का होता है कारोबार
दिसंबर महीने में दत्त जयंती से हर साल यहां मेले की शुरुआत होती है। हर साल देश भर के बड़े घोड़ा व्यापारी मेले में आते हैं। लगभग एक हजार घोड़े राज्य के नांदेड़, अहमदनगर, सातारा के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों से आते हैं। जिसकी कीमत करोड़ रुपए होती है। हर साल मेले में करोड़ों रुपए के घोड़ों की खरीद-ब्रिकी होती है। शाहदा कृषि बाजारा उत्पन्न समिति के माध्यम से घोड़ों को खरीदा और बेचा जाता है। साल 1964 में घोड़ा मेले की शुरुआत हुई थी। 

मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने बताया कि साल 2016 के दिसंबर महीने में सारंगखेड़ा हॉर्स फेस्टिवल में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हॉर्स म्यूजियम बनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद एमटीडीसी ने परियोजना का प्रस्ताव तैयार करके राज्य सरकार के पास भेजा। जिसके बाद सरकार की तरफ से म्यूजियम के लिए मंजूरी दी गई।

Created On :   3 Oct 2017 2:38 AM GMT

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