हैंड बैग में रखे जिंदा कारतूस के बारे में डॉक्टर को जानकारी न होने के आधार पर रद्द आपराधिक मामला

Criminal case canceled on the ground that the doctor did not know about the live cartridge kept in the hand bag
 हैंड बैग में रखे जिंदा कारतूस के बारे में डॉक्टर को जानकारी न होने के आधार पर रद्द आपराधिक मामला
हाईकोर्ट  हैंड बैग में रखे जिंदा कारतूस के बारे में डॉक्टर को जानकारी न होने के आधार पर रद्द आपराधिक मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने हैंड बैंग में एक जिंदा कारतूस मिलने के चलते आपराधिक मामले का सामना कर रही एक महिला डाक्टर को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला को इस बात की पहले से जानकारी नहीं थी कि उसके हैंड बैग में जिंदा कारतूस है इसलिए इसे कारतूस का सचेत रुप से रखना नहीं माना जाएगा। लिहाजा महिला के खिलाफ मामले को लेकर अंधेरी कोर्ट में दायर आरोपपत्र व कार्यवाही को रद्द किया जाता है। सागली निवासी महिला डाक्टर लीना नंदेस्वर ने साल 2016 में अपने परिवार के साथ छुट्टी में घूमने जाने की योजना बनाई थी। इसके तहत जब महिला डाक्टर मुंबई एटरपोर्ट पहुंची तो वहां उनके समान की स्क्रिनिंग की गई। इस दौरान महिला के हैंडबैग में एक जिंदा कारतूस मिली। इसके बाद महिला के खिलाफ सहार पुलिस स्टेशन में आर्म्स एक्ट की धारा 3 व पांच के तहत मामला दर्ज किया गया। फिर पुलिस ने जांच के बाद महिला डाक्टरे के खिलाफ अंधेरी कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर डाक्टर महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की खंडपीठ के सामने महिला डाक्टर की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में महिला ने कहा कि उसके बैग से कोई हथियार नहीं मिला है। सिर्फ एक कारतूस मिली हैं। जिसके बारे में उसे पहले से जानकारी नहीं थी। इसके अलावा सागली में जहां उसका घर है उसके नजदीक पर पुलिस सेंटर व फायरिंग रेंज है। ऐसे में हो सकता है कि उसकी बेटी अपनी प्लास्टिक की बंदूक के लिए जिंदा कारतूस गलती से आयी हो। उसके पास हथियार का लाइसेंस भी नहीं हैं। वहीं सरकारी वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पास अनधिकृत रुप से कारतूस मिली है। इसलिए मामले को रद्द न किया जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इस तरह के मामले में समान के साथ कारतूस रखे जाने की सचेत व पूर्व जानकारी होना जरुरी हैं। लेकिन आरोपी महिला डाक्टर को कारतूस के बारे में पहले से कुछ नहीं पता था। महिला व उसका पति डाक्टर है। दोनों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। इसलिए महिला के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द किया जाता है। 


 

Created On :   16 Jun 2022 10:00 PM IST

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