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एमपीपीसीबी का क्लोजर नोटिस भी डकार चुके डेयरी संचालक, कार्रवाई के दौरान टीम पर करते हैं पथराव
डिजिटल डेस्क जबलपुर । नदियों को प्रदूषित कर रहीं गौर और परियट की डेयरियों को बंद करने मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्लोजर नोटिस जारी कर चुका है। उस नोटिस को भी ये डेयरी संचालक डकार चुके हैं, लाख समझाइश और बैठकें आयोजित करने के बाद भी जब डेयरी संचालकों ने मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का आदेश न माना तो अंतत: बोर्ड को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा।
मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि गत दो साल पहले जब प्रशासनिक अमले के साथ डेयरियों को हटाने की कार्रवाई चल रही थी तब डेयरी संचालक उन सभी पर पत्थर बरसाते थे। बोर्ड के हाथ में सिर्फ नोटिस जारी करने का अधिकारी होता है उसे अमल में लाने पर डेयरी संचालकों पर सख्ती बरतने का कार्य तो प्रशासनिक और नगर निगम स्तर पर होता है। इसे अब हठधर्मिता ही कहेंगे कि सालों तक लगातार नोटिस मिलने और कार्रवाई होने के बाद भी डेयरी संचालक अपने स्थान से हटने तैयार नहीं हुए।
लंबा चला समझाइश का दौर
गौर और परियट के डेयरी संचालक सालों से नदियों को गंदा कर रहे हैं। क्लोजर नोटिस जारी करने से पहले मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कई सालों तक डेयरी संचालकों के साथ बैठकें आयोजित कीं, उन्हें समझाइश दी कि वे डेयरियों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाएँ, वे सारे इंतजाम करें जिससे गोबर नदियों में प्रवाहित न हो, ताकि नदियों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों की सारी नसीहतें डेयरी संचालकों ने एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दी और बदस्तूर गोबर की गंदगी परियट और गौर नदी में बहाते रहे, जो नर्मदा में मिलकर माँ का आँचल प्रदूषित कर रही है।
Created On :   12 Aug 2020 2:35 PM IST