खरीफ में अतिवृष्टि से नुकसान, अब रबी में खस्ताहाल नहरें टेल तक नहीं पहुंचा पाएंगी पानी

Damage due to excess rainfall in Kharif, now the ravaged canals in Rabi will not be able to reach the tail
खरीफ में अतिवृष्टि से नुकसान, अब रबी में खस्ताहाल नहरें टेल तक नहीं पहुंचा पाएंगी पानी
खरीफ में अतिवृष्टि से नुकसान, अब रबी में खस्ताहाल नहरें टेल तक नहीं पहुंचा पाएंगी पानी

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । इस बार की बारिश से जिले के सभी छोटे बड़े डेम लबालब हो गए हैं। अधिकांश जलाशयों के छलकने की स्थिति रही। जरूरत से ज्यादा बारिश खरीफ के लिए जरूर नुकसान देह साबित हुई लेकिन लबालब बांधों से रबी सीजन को लेकर उम्मीदें बन गई हैं। इस उम्मीद पर भी नहरों की खस्ता हालत पानी फेर सकती है। दरअसल सालों पुरानी नहरें इस बार की बारिश में क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मेंटेनेंस नहीं हो पाने की स्थिति में नहरों से टेल तक पानी पहुंचना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आखिरी छोर के किसान  रबी सीजन में सिंचाई से वंचित हो सकते हैं। हालांकि समय रहते नहरों को  दुरूस्त कर लिया जाता है तो रबी सीजन को संवारा जा सकता है। अधिक बारिश से 7 जलाशय भी क्षतिग्रस्त
जिले में औसत से अधिक बारिश ने सिंचाई विभाग के जलाशयों को भी क्षति पहुंचाई है। बांधों में सीपेज और मिट्टी धंसने जैसी स्थिति सामने आई है। जिले के लोहारा, डेहरी, कांगला, बिलावर कला, पिपरिया गुमानी, कोल्हिया और ढोलनखापा में मरम्मत की जरूरत है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से क्षतिग्रस्त बांधों के सुधार कार्य का प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति के लिए प्रमुख अभियंता को भेजा गया है।
सिंचाई में आ सकती है ये बाधाएं
> जरूरत से ज्यादा बारिश के कारण नहरों के टूट फूट की स्थिति बनी है। जिससे टेल तक पानी नहीं पहुंच पाएगा।
> बारिश के चलते नहरों में मिट्टी धंसकने व मिट्टी का जमाव होने से जाम की स्थिति बन सकती है। 
> स्टाप डेम के गेट पुराने हो चुके हैं। जंक से कई स्टाप डेम के गेट गलने की स्थिति में पहुंच गए हैं। 
> बांधों में भराव अधिक है, जबकि पेड़ों और झाडिय़ों की सफाई नहीं हो सकी है। 
सुधार कार्य के लिए प्रपोजल भेजा है
अधिक बारिश से नहरों को क्षति पहुंची है, नहरों में सुधार कार्य के लिए 1.70 करोड़ का प्रपोजल ईइनसी को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर के जरिए सुधार कार्य कराया जाएगा। जिससे रबी सीजन में नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने में सुविधा होगी।
-विजय शंकर अवस्थी, ईई, जल संसाधन विभाग
 

Created On :   12 Oct 2019 7:50 AM GMT

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