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परिजन को सौंप दिया दूसरी महिला का शव, बगैर देखे कर दिया अंतिम संस्कार, जिसका शव बताया वह है जिंदा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स (बीकेसी) स्थित जंबो कोविड सेंटर में कर्मचारियों की लापरवाही चलते महिला के निधन के बाद उसके परिवार वाले अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए। दरअसल रजिस्टर बदल जाने के चलते सेंटर में दाखिल एक दूसरी महिला का शव उन्हें सौंप दिया गया। कोरोना से मौत के चलते शव प्लास्टिक में लपेटकर दिया गया था। उसे खोलने की इजाजत नहीं थी, इसलिए परिवार ने महिला का चेहरा देखे बिना अंतिम संस्कार कर दिया। कोविड सेंटर में 67 वर्षीय संगीता तनालकर नाम की महिला का इलाज चल रहा था। यहीं 72 वर्षीय रजनी परब को भी उनके परिवार वालों ने इलाज के लिए भर्ती कराया था। लेकिन कोविड सेंटर के किसी कर्मचारी ने संगीता और रजनी का रजिस्टर बदल दिया। इलाज के दौरान 18 अप्रैल को संगीता की मौत हो गई। लेकिन रजिस्टर में रजनी का नाम होने के चलते उनका शव रजनी के परिवार को सौंप दिया गया।
कोविड सेंटर में चार दिनों तक करती रही मां की तलाश
इसी बीच संगीता की बेटी जो रोजाना डॉक्टरों को फोन कर अपनी मां का हालचाल लेती रहती थी उसे डॉक्टरों ने बताया कि उसकी मां कोविड सेंटर में नजर नहीं आ रही है। इसके बाद संगीता चार दिनों तक पीपीई किट पहनकर अपनी मां को कोविड सेंटर में तलाश करतीं रहीं लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद रजनी के परिवार वालों को पता चला कि वे जिंदा हैं और कोविड सेंटर में अभी उनका इलाज चल रहा है। जिसका अंतिम संस्कार उन्होंने किया वह महिला कोई और थी। बाद में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद संगीता के परिवार ने परब के परिवार से संपर्क कर सायन श्मशानभूमि से उनका अस्थिकलश हासिल किया। संगीता के परिवार ने मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
Created On :   22 April 2021 8:44 PM IST