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पांच बार विधान परिषद के सदस्य बने थे मेटे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसंग्राम संगठन के अध्यक्ष तथा पूर्व विधान परिषद सदस्य विनायक मेटे की रविवार को सुबह मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में मौत हो गई। 25 अगस्त 1963 में बीड़ के केज तहसील के राजेगाव में जन्मे मेटे 59 साल की आयु पूरी करने वाले थे। सोमवार दोपहर बीड़ में मेटे का अंतिम संस्कार होगा। मेटे रविवार को बीड़ के केज से मुंबई की तरफ आ रहे थे तभी रायगड के रसायनी पुलिस स्टेशन क्षेत्र के मडप सुरंग के पास लगभग सुबह 5 बजे उनकी कार को एक वाहन ने टक्कर मार दिया। जिसमें मेटे के सिर में गंभीर चोट लग गई। इस हादसे के बाद मेटे को नई मुंबई के कामोठे स्थित एमजीएम अस्पताल लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें जांच के बाद मृत घोषित किया। मेटे के साथ कार में उनके पुलिस सुरक्षा कर्मी राम ढोबले और ड्राइवर एकनाथ कदम थे। जिसमें सुरक्षा कर्मी भी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। ड्राइवर ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि हादसे के बाद लगभग एक घंटे तक मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा था। हालांकि पुलिस ने ड्राइवर के आरोपों से इनकार कर दिया है। इस बीच मेटे के समर्थकों ने उनकी मौत को लेकर अलग-अलग पर आशंका जताई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मेटे की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मेटे की मौत की खबर मिलने के बाद मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एमजीएम अस्पताल में पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने रविवार दोपहर को मराठा आरक्षण के संबंध में मुंबई में बैठक बुलाई थी। जिसमें शामिल होने के लिए मेटे बीड़ से मुंबई आ रहे थे। मेटे का निधन मराठा समाज के लिए बड़ी क्षति है। जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने भी अस्पताल में मेटे के पार्थिव का अंतिम दर्शन किया। अजित ने कहा कि शायद ड्राइवर को झपकी लग गई होगी। इस कारण यह हादसा हुआ है। मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। जिसमें सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। रविवार दोपहर में मेटे के पार्थिव को जे जे अस्पताल में लाया गया था। जिसके बाद उनके पार्थिव को वडाला स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। जहां पर सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद देर शाम को मेटे के पार्थिव को बीड़ के लिए रवाना कर दिया गया। इस बीच शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने मेटे की मौत मामले की गंभीर जांच की मांग की है। सावंत ने कहा कि जांच में यह स्पष्ट होना चाहिए कि उनका निधन एक हादसे है अथवा कोई साजिश है। क्योंकि यह भी पता लगना चाहिए कि उन्हें रात को बीड़ से मुंबई में आने के लिए किसने कहां था।
पांच बार विधान परिषद के सदस्य बने थे मेटे
बीड़ से राजनीति की शुरुआत करने वाले शिवसंग्राम के अध्यक्ष मेटे पांच बार विधान परिषद के सदस्य बने थे। मेटे शिवसेना, राकांपा और भाजपा की मदद से अलग-अलग बार विधान परिषद में पहुंचे थे। मेटे पहली बार 1996 से 2000 तक विधान परिषद सदस्य रहे। इसके बाद साल 2000 से 2006 तक, साल 2010 से 2014 फिर साल 2014 से 16 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। फिर जुलाई 2016 में वे भाजपा के समर्थन से विधान परिषद में पहुंचे थे। मेटे ने अपनी पहचान मराठा नेता के रूप में स्थापित की थी। मेटे मराठा आरक्षण के लिए कई सालों तक लड़ाई लड़ी थी। पूर्व की भाजपा सरकार में वह मुंबई के अरब सागर में बनने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक समिति परियोजना के अध्यक्ष भी थे।
Created On :   14 Aug 2022 9:36 PM IST