मछली विभाग का कारनामा- मछलियों के लिए पानी नहीं, पत्थरों में फूंके 22 लाख

deed of fish department -No water for fishes, 22 lakhs spent in stones
मछली विभाग का कारनामा- मछलियों के लिए पानी नहीं, पत्थरों में फूंके 22 लाख
मछली विभाग का कारनामा- मछलियों के लिए पानी नहीं, पत्थरों में फूंके 22 लाख

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिले में मछली पालन विभाग की एक गंभीर लापरवाही सामने आई है।  टेक्निकल स्कूल के सामने मत्स्य पालन विभाग के तालाबों को सजाने संवारने के लिए पत्थरों में खनिज मद से 22 लाख रुपए फूंक दिए गए, लेकिन विभाग ने शासन के निर्देश के बाद भी पानी का इंतजाम नहीं किया। जिले भर के किसानों को मत्स्य बीज के लिए भटकना पड़ रहा है।

दरअसल शहडोल जिले में 3 करोड़ स्पॉन तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित था ,लेकिन अब तक 30 प्रतिशत स्पॉन भी तैयार नहीं हुए है। स्पॉन से अंडे और अंडों से मत्स्य बीज तैयार किए जाते हैं। विभाग के अधिकारी इसके लिए पानी की कमी को कारण मानते हैं। जब शासन ने पानी के लिए ट्यूबवेल खनन कराने निर्देश दिए थे तब विभाग के अधिकारी तालाबों को सजाने, संवारने में लगे थे। 
मत्स्य पालन विभाग परिसर में मछलियों के बीज तैयार करने 3  तालाब हैं। इन तालाबों में पानी भरने के लिए के लिए परिसर में पुराने तीन ट्यूबवेल हैं। पर्याप्त बारिश नहीं होने से तीनों ट्यूबवेल फेल हो गए हैं जबकि इन ट्यूबवेल की सफाई कराने में ही विभाग ने हजारों रुपये खर्च कर दिए। बताया जा रहा है कि ट्यूबवेल की सफाई के नाम पर लीपापोती कर दी गई। अधिकारियों को उम्मीद थी कि इस साल बारिश अच्छी होगी और ट्यूबवेल की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। 

दूसरे जिलों से मंगा रहे बीज
स्थानीय स्तर पर मत्स्य बीज तैयार नहीं होने पर विभाग अनूपपुर, सतना, सीधी जिलों से मत्स्य बीज मंगाकर किसानों को उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। विभाग ने ब्यौहारी, जयसिंहनगर एवं सिमरिहा से मत्स्य बीज उपलब्ध कराने के दावा किया हैं। जिले भर के किसानों को मत्स्य बीज के लिए अनूपपुर, जयसिंहनगर, ब्यौहारी भटकाया जा रहा है। विभाग के मुताबिक 50 लाख मत्स्य बीज वितरण का लक्ष्य था, अब तक 20 लाख बीजों का वितरण किया जा चुका है।
 

Created On :   20 Aug 2017 7:39 AM GMT

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