भीमा-कोरेगांव हिंसा में गहरी साजिश : हाईकोर्ट

Deep conspiracy in Bhima-Koregaon violence case : High Court
भीमा-कोरेगांव हिंसा में गहरी साजिश : हाईकोर्ट
भीमा-कोरेगांव हिंसा में गहरी साजिश : हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि भीमा-कोरेगांव हिंसा एक गहरी साजिश थी। पुणे पुलिस की अब तक की जांच दर्शाती है कि इस साजिश के गंभीर परिणाम हो सकते थे। पुलिस ने इस मामले में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं से पूछताछ की है। जस्टिस बीपी धर्माधिकारी व जस्टिस सारंग कोतवाल की  बेंच ने सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबडे की याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही है। तेलतुंबडे को पुणे पुलिस ने इस मामले में आरोपी बनाया है। याचिका में तेलतुंबडे ने भीमा-कोरेगांव हिंसा को लेकर खुद के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। याचिका में तेलतुंबडे ने दावा किया था कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस ने उन्हें इस मामले में फंसाया है।

भीमा-कोरेगांव हिंसा जब हुई उस वक्त मैं पुणे नहीं गोवा में था। किंतु  अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई की दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने पाया कि पुलिस के पास तेलतुंबडे के खिलाफ काफी सबूत है। इसलिए पुलिस द्वारा आरोपी(तेलतुंबड़े) पर लगाए गए आरोपों को आधारहीन नहीं माना जा सकता है। सरकारी वकील ने दावा किया था कि तेलतुंबड़े ने भीमा-कोरेगांव की हिंसा की साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के पास जो सबूत मिले है उससे इस बात का संकेत मिलता है। इन दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने तेलतुंबडे की याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने तेलतुंबड़े को सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए तीन सप्ताह तक अपने फैसले पर रोक लगाई है। 

 

Created On :   24 Dec 2018 9:48 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story