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पूर्व गृहमंत्री देशमुख के खिलाफ दस्तावेज लीक मामले की करे जांच

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया है कि वह महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ चल रही जांच से संबंधित संवेदनशील जानकारी और दस्तावेजों के कथित लीक से संबंध में उनकी भूमिका की पूरी तरह से जांच करे। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल के समक्ष मामले की आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया, जो संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोपों से संबंधित है, जिससे भ्रष्टाचार के मामले की जांच प्रभावित हुई है। न्यायाधीश ने कहा कि सीबीआई ने देशमुख की जांच न करके ऐसा लगता है कि गाड़ी खींचने वाले इंजन को छोड़ दिया है, जिससे केवल गाड़ी में यात्रा करने वालों ही आरोप लगाया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि अरोपी व्यक्ति अनिल देशमुख के साथ घनिष्ट रुप से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं और हो सकता है कि उनके साथ मिलकर काम कर रहे हों। कोर्ट ने सीबीआई के उप निरीक्षक अभिषेक तिवारी, देशमुख के वकील आनंद डागा और अज्ञात अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी आर/डब्ल्यू धारा 201, 379,409,411, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 8 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66बी के तहत संज्ञान लिया है। गौरतलब है कि सीबीआई ने डागा और तिवारी को क्रमश: मुंबई और दिल्ली से गिरफ्तार किया था। मुंबई में एक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किए जाने के बाद डागा को ट्रांजिट रिमांड दिया गया, जिससे उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया गया खा। तदनुसार डागा और तिवारी को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। कोर्ट ने सीबीआई को मामले में चार सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।
Created On :   23 Dec 2021 9:37 PM IST