न्यायमूर्ति गनेड़ीवाला को न्यायिक कार्य से अलग रखने की मांग 

Demand for exclusion of Justice Gainediwala from judicial work
न्यायमूर्ति गनेड़ीवाला को न्यायिक कार्य से अलग रखने की मांग 
न्यायमूर्ति गनेड़ीवाला को न्यायिक कार्य से अलग रखने की मांग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पाक्सो कानून को लेकर दिए गए फैसलों के चलते चर्चा में आयी बांबे हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ की न्यायमूर्ति पुष्पा गनेड़ीवाला को न्यायिक कार्य वापस लिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट व बांबे हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा गया है। यह पत्र राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित 13 वर्षीय छात्रा जेन सदावरते ने लिखा है। पिछले दिनों बाल यौन सरंक्षण कानून (पाक्सो) कानून के अंतर्गत दिए गए फैसले में न्यायमूर्ति ने कहा था कि यदि नाबालिग बच्ची को स्पर्श के दौरान त्वचा से त्वचा का संपर्क नही होता है तो यह यौन हमले की परिभाषा के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा एक फैसले में न्यायमूर्ति ने नाबालिग के सामने पैंट की चैन खोलने को भी पाक्सो कानून के तहत अपराध मानने से इंकार करते हुए आरोपी को बरी कर दिया था। कक्षा आठवी में पढनेवाली छात्रा जेन ने पत्र में कहा है कि न्यायमूर्ति की ओर से दिए गए दोनों फैसले विवादित हैं। वे बड़ी ही बेचैनी में यह पत्र लिख रही है। क्योंकि न्यायमूर्ति के फैसले संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार के विपरीत है। इसलिए निवेदन है कि सत्य के हित में यह उचित होगा कि न्यायमूर्ति से न्यायिक कार्य वापस ले लिया जाए। 


पिछले 24 घंटे में जिले में 4303 नमूनाें की जांच मंे 211 नए मरीज मिले। 7 की मौत हुई और 238 मरीज डिस्चार्ज हुए। कुल मरीजों की संख्या 134927 हो गई है। कुल मृतक 4178 और कुल डिस्चार्ज 127637 हो गए हैं।  
 

Created On :   3 Feb 2021 9:10 PM IST

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