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दो दिवसीय शिविर में उठी ओबीसी की जातिवार जनगणना कराने की मांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के निकाय चुनावों के राजनीतिक आरक्षण रद्द करने के फैसले पर मंथन के लिए ओबीसी नेताओं की पुणे के लोनावला में 26 और 27 जून को दो दिवसीय शिविर आयोजित होगी। प्रदेश के अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार ने यह जानकारी दी। रविवार को पुणे में पश्चिम महाराष्ट्र के ओबीसी के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों और नेताओं की बैठक हुई। इसके बाद वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से राज्य में ओबीसी की जातिवार जनगणना कराने की मांग की है। पत्रकारों से बातचीत में वडेट्टीवार ने कहा कि लोनावला के शिविर में ओबीसी समाज 250 प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा। इसमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ओबीसी समाज के नेता और संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो सकेंगे।
शिविर के तीन सत्रों में ओबीसी समाज के विभिन्न मुद्दों पर मंथन और चर्चा के जरिए अगली रणनीति तय की जाएगी। वडेट्टीवार ने कहा कि आरक्षण बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ओबीसी समाज का प्रयोगसिद्ध आंकड़ा राज्य के पिछड़ा वर्ग आयोग से जुटाने अथवा अलग से स्वतंत्र आयोग गठन करने के बारे में शिविर में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को प्रयोगसिद्ध आंकड़ा उपलब्ध कराने के बावजूद सभी वर्गों के आरक्षण की मर्यादा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती है। आरक्षण की मर्यादा बढ़ाने का फैसला संसद में हो सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में वाले राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलाकर ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण बहाली के लिए हस्तक्षेप करने की मांग भी की है।
Created On :   13 Jun 2021 7:38 PM IST