ड्रग्ज के साथ पकड़े गए 8 पाकिस्तानियों की स्वदेश वापसी की मांग खारिज, 2005 में कोस्ट गार्ड ने पकड़ा था 

Demand rejected for repatriation of 8 Pakistanis caught with drugs
ड्रग्ज के साथ पकड़े गए 8 पाकिस्तानियों की स्वदेश वापसी की मांग खारिज, 2005 में कोस्ट गार्ड ने पकड़ा था 
ड्रग्ज के साथ पकड़े गए 8 पाकिस्तानियों की स्वदेश वापसी की मांग खारिज, 2005 में कोस्ट गार्ड ने पकड़ा था 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष अदालत ने ड्रग्स के साथ पकड़े गए आठ पाकिस्तानियों के डिपोर्ट (देशांतरण) को लेकर किए गए आवेदन को खारिज कर दिया है। भारतीय तट रक्षक दल के जवानों ने गुजरात की सीमा पर साल 2015 में एक नाव में दो सौ किलो हिरोइन के साथ आठ पाकिस्तानियों को पकड़ा था। हिरोइन की कीमत 6 करोड 96 लाख रुपए के करीब थी। बाद में इन आरोपियों को मुंबई की यलोगेट पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया दिया गया था।  

एनडीपीएस कानून के तहत मुकदमे का सामना कर रहे इन आरोपियों ने विशेष अदालत में डिपोरटेशन के लिए आवेदन दायर किया था। आवेदन में आरोपियों ने दावा किया गया था कि मुंबई की अदालत के पास इस मामले को सुनने का अधिकार नहीं है। इसलिए उन्हे पाकिस्तान स्थित कराची में भेज दिया जाए। क्योंकि उन्हें भारतीय समुद्र की सीमा के भीतर नहीं पकड़ा गया है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपियों को भारतीय समुद्री सीमा में पकड़ा गया था। इसलिए इन आरोपियों के डिपोरटेशन के आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता है। यहां की अदालत को इस मामले की सुनवाई का अधिकार है। मैरिटाइम अधिनियम 1976 के प्रावधान अदालत को इस मामले की सुनवाई का अधिकार देते हैं। 

न्यायाधीश वीवी विध्वंश ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि फिलहाल आरोपियों के आवेदन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अभियोजन पक्ष को क्षेत्राधिकार के मुद्दे पर प्रभावी ढंग व विस्तार से पक्ष रखने के लिए अवसर देना जरुरी है। क्योंकि आरोपियों पर काफी गंभीर आरोप हैं। इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा का पहलू भी जुड़ा है। इसलिए आरोपियों के आवेदन को खारिज किया जाता है। 
 

Created On :   16 Feb 2021 3:10 PM GMT

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