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सदन : लातूर स्टेशन पर पिट लाइन बनाने बजट आवंटित की मांग, नवोदय विद्यालय के शिक्षकों को पेंशन से वंचित करने का उठा मुद्दा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लातूर से भाजपा सांसद सुधाकर श्रृंगारे ने केन्द्र सरकार से लातूर रेलवे स्टेशन पर पिट लाइन का निर्माण करने के लिए धनराशि आवंटित करने की मांग की है। उन्होने कहा है कि लातूर में पिट लाइन के बन जाने से मराठवाड़ा की जनता की मांग के अनुसार यहां से नई ट्रेनें शुरू हो सकेंगी तथा अन्य यात्री सुविधाओं का विस्तार भी हो सकेगा। श्रृंगारे ने यह मसला मंगलवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत उठाया। उन्होने कहा कि जब भी लातूर स्टेशन से नई ट्रेन शुरू करने की मांग होती है तो यही कहा जाता है कि यहां पर आवश्यक सर्विस लाइन नहीं होने की वजह यह संभव नहीं है। इसके चलते विगत 70 साल से यहां से कोई नई ट्रेन शुरू नहीं हो पाई है। पूर्व में मुझे रेल मंत्रालय की ओर से आश्वासन मिला था कि वर्ष 2020 में पिट लाइन के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन यह आश्वासन पूरा नहीं हुआ। वर्ष 2021-22 के बजट में भी पिट लाइन के लिए धनराशि आवंटित नहीं की गई। इसके मद्देनजर भाजपा सांसद ने मांग की है कि अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान लातूर स्टेशन पर पिट लाइन के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था कर इस काम को जल्दी से पूरा किया जाए।
नवोदय विद्यालय के शिक्षकों और गैर शिक्षकों को पेंशन की सुविधा लागू हो
गडचिरोली-चिमुर से सांसद अशोक नेते ने लोकसभा में नवोदय विद्यालय के शिक्षकों और गैर शिक्षकों को पेंशन से वंचित किए जाने के मुद्दे की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वर्षो से पेंशन की सुविधा से वंचित इन कर्मियों की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए। सांसद नेते ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार के यह संज्ञान में लाया कि नवोदय विद्यालयों में सेवारत शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ गत 2005 से ही नहीं बल्कि उससे पहले से ही पेंशन सुविधा लागू कराने की मांग कर रहे है, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया गया है। इसके कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनका संसदीय क्षेत्र आदिवासी बहुल और अत्यधिक पिछड़ा क्षेत्र है। नक्सल प्रभावित यह क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र से भी काफी पिछड़ा है। लिहाजा सरकार से मांग है कि इसे ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के गरीब विद्यार्थी भी शिक्षा के प्रवाह में शामिल हो इसलिए यहां एक नवोदय विद्यालय स्थापित कराए जाने संबंधी समुचित कदम उठाए जाए।
टेंभुर्णी से येडसी तक के महामार्ग को 15 मीटर चौड़ा करने की मांग
उस्मानाबाद से सांसद ओम राजे निंबालकर ने मंगलवार को लोकसभा में अपने संसदीय क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 548सी और 63 की स्थिति परिवहन के अनुकूल नहीं होने का मुद्दा सरकार के संज्ञान में लाया। उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से मांग की कि इस महामार्ग पर बढती दुर्घटनाओं के मद्देनजर महामार्ग को टेंभुर्णी से येडसी तक 15 मीटर चौड़ा किया जाए। उन्होंने कहा कि 548सी और 63 राष्ट्रीय राजमार्ग मराठवाडा और पश्चिम महाराष्ट्र के बीच परिवहन का मुख्य मार्ग है। इस राजमार्ग का 163 में से 101 किलोमीटर का भाग उनके संसदीय क्षेत्र से गुजरता है। टेंभुर्णी-बार्शी राजमार्ग संकीर्ण होने के कारण इस महामार्ग पर दुर्घटनाओं की संख्या में रोज बढोतरी हो रही है। येडसी से लातूर की सड़क 15 मीटर चौड़ी बनाई जा रही है और टेंभुर्णी से येडसी तक 10 मीटर चौड़ी करने का प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन है। इस मार्ग पर आए दिन दुर्घटनाओं की बढती संख्या को देखते हुए इसे भी 15 मीटर चौड़ा करने की जरुरत है। लिहाजा सरकार से अनुरोध है कि बढ़ती दुर्घटनाओं को रोकने के साथ क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए टेंभुर्णी से येडसी तक के मार्ग को 10 मीटर चौड़ा करने के बजाए इसमें बदलाव कर 15 मीटर चौड़ा किया जाए
सरकार राष्ट्रीय जल उपयोग दक्षता ब्यूरो की स्थापना के प्रस्ताव पर कर रही विचार
जल संसाधन के क्षेत्र में विशेष रुप से घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों में दक्षता का पैमाना स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार जल उपयोग दक्षता के राष्ट्रीय ब्यूरो (एनबीडब्ल्यूयूई) की स्थापना करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। जल शक्ति और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि जल क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय जल नीति के संशोधन की परिकल्पना की है, लेकिन इसे कार्यान्वित करने के बारे में इसे अब तक कोई अंतिम रुप नहीं दिया गया है। इसके उलट सरकार उन्होंने बताया कि सरकार जल उपयोग दक्षता के राष्ट्रीय ब्यूरो की स्थापना करने के प्रस्ताव पर जरुर विचार कर रही है। इसके तहत मुख्यत: सिंचाई, पेयजल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन, उद्योगों, नगरों और सभी अन्य ऐसे क्षेत्रों जहां जल का उपयोग किया जाता है, जल उपयोग दक्षता में सुधार के लिए पूर्णत: जवाबदेही होगी।
Created On :   9 March 2021 8:57 PM IST