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आरटीआई कार्यकर्ता की पिटाई : आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोअर परेल इलाके में रहने वाले यशवंत शिंदे नाम के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने आईपीएस अधिकारी पर बुरी तरह पिटाई का आरोप लगाया है। आरटीआई कार्यकर्ता का दावा है कि पुलिस ने उसे आरटीआई के तहत जानकारी देने से इनकार कर दिया और इससे जुड़ी अपील करने पर मुंबई स्थित जोन 3 के पुलिस उपायुक्त अभिनाश कुमार ने उसे बुरी तरह पीटा। शिंदे ने मामले की शिकायत मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे से की है और कुमार के खिलाफ हत्या की कोशिश के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वहीं कुमार का दावा है कि शिंदे उनके ऑफिस में आकर हंगामा कर रहे थे इस दौरान वे खुद कुर्सी से गिरकर चोटिल हो गए।
शिंदे ने ‘दैनिक भास्कर’ को बताया कि उन्होंने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक गाड़ी से मिले चार करोड़ रुपयों और आग्रीपाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज एक ठगी के मामले में आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी थी। शिंदे ने कहा कि उन्हें शक है कि इन मामलों में पुलिस की जांच ठीक नहीं है और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। आरटीआई से मिली जानकारी से असंतुष्ट शिंदे बीते 27 दिसंबर को प्रथम अपील के तहत डीसीपी कुमार से मिलने उनके ऑफिस गए थे। शिंदे का दावा है कि कुमार के व्यवहार से ऐसा लग रहा था कि वे पहले से ही हमले का मन बना चुके थे। बातचीत के दौरान अचानक वे अपने सामने स्थित टेबल पर चढ़े और उनकी कुर्सी पर कूद कर उनकी पिटाई करने लगे। शिंदे का दावा है कि कुमार ने तीन और पुलिस कर्मियों के साथ उन्हें बेहोश होने तक पीटा। उन्हें बाद में भायखला पुलिस स्टेशन भेज दिया गया लेकिन उनकी शिकायत पर पुलिस ने कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। शिंदे के मुताबिक उन पर पुलिसवाले लगातार शिकायत न करने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके चलते वे पुलिस स्टेशन से चले गए। बाद में तबीयत खराब होने पर वे केईएम अस्पताल में भर्ती हुए जहां जांच में पता चला कि उन्हें शरीर के कई हिस्सों में अंदरूनी चोटें आईं हैं। शिंदे ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके दिमाग में भी खून का थक्का जम गया है जिसके चलते उन्हें तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया। शिंदे ने कहा कि उनके अलावा मामले में गवाह उनके एक दोस्त पर भी पुलिस लगातार दबाव बना रही है। इस बीच पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी अस्पताल जाकर शिंदे से मुलाकात की। गांधी ने मामले की जांच और डीसीपी के निलंबन की मांग की है।
सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक हो-गलगली
आरोपों को बेहद गंभीर बताते हुए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे को खत लिखकर मांग की है कि डीसीपी जोन 3 के ऑफिस में लगे सीसीटीवी की वीडियो सार्वजनिक की जाएं जिससे यह पता चल सके कि मामले में कौन सच बोल रहा है। गलगली ने यह भी मांग की है कि जिस आरटीआई के लिए कथित मारपीट की गई है उससे जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक कर दी जाए जिससे यह पता लगे कि मामले में पुलिस कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है या नहीं। डीसीपी जोन-3 अभिनाश कुमार के मुताबिक मारपीट के आरोप बेबुनियाद हैं। कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जिसे देखना हो उपलब्ध करा दिया जाएगा। यह पुलिस पर दबाव बनाने की तरकीब है। शिकायतकर्ता बेहोश होने तक मारपीट का दावा कर रहा है जबकि तस्वीरों में वह खुद चलकर बाहर जाता नजर आएगा। आरोपी के खिलाफ जबरन वसूली की कई शिकायतें है
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पीटीएम के नाम पर लगाया 5 लाख का चूना
उधर ऑनलाइन पेमेंट ऐप पेटीएम की केवाईसी (पहचान साबित करने) के नाम पर ठाणे में छह लोगों को 5 लाख रुपए से ज्यादा का चूना लगा दिया गया। फोन करने वाले आरोपी ने खुद को पेटीएम का कर्मचारी बताकर लोगों से उनकी निजी और बैंक खाते से जुड़ी जानकारी हासिल की और एक ऐप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद लोगों को केवाईसी के लिए 10 रुपए का ऑनलाइन भुगतान करने को कहा। लेकिन बाद में उनके खातों की रकम धोखे से दूसरे खातों में भेज दी गई। ठाणे पुलिस की प्रवक्ता इंस्पेक्टर सुखदा नारकर ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पेटीएम केवाईसी के नाम पर लोगों के ठगी की आधा दर्जन से ज्यादा शिकायतें मिलीं हैं पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है। एक शिकायतकर्ता ने ठाणे पुलिस को बताया कि 29 दिसंबर को उसे एक फोन आया। फोन करने वाले शख्स ने उसे बताया कि वह पेटीएम से फोन कर रहा है। उस शख्स ने शिकायतकर्ता से कहा कि अगर उन्होंने केवाईसी नहीं कराया गया तो उनका पेटीएम एकाउंट बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद फोन करने वाले शख्स ने शिकायतकर्ता से उनका आधार और पैन कार्ड नंबर ले लिया। इसके बाद उन्हें अपने मोबाइल में क्विक सपोर्ट नाम का ऐप डाउनलोड करने को कहा। फोन करने वाले ने शिकायतकर्ता से केवाईसी के लिए 101 रुपए ऑनलाइन भुगतान करने को कहा जो उन्होंने कर दिया। इसके बाद अगले दो दिनों में शिकायतकर्ता के खाते से 1 लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए गए। शिकायत मिलने के बाद ठाणे पुलिस ने ठगी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पिछले कुछ दिनों में ठाणे में पेटीएम केवाईसी के नाम पर ठगी के छह मामले दर्ज किए गए हैं जिसके जरिए लोगों को 5 लाख 4 हजार रुपए का चूना लगाया गया है।
Created On :   2 Jan 2020 10:45 PM IST