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पांच दिन बाद भी नहीं हो सका विभागों का बंटवारा, आपस में भिड़े अजित और अशोक चव्हाण

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का इंतजार किए बगैर कांग्रेस नेता व कैबिनेट मंत्री वर्षा गायकवाड ने शुक्रवार को मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय का कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस मौके पर वर्षा ने कहा कि विभागों का बंटवारा अभी भले नहीं हुआ है पर लोगों की अपेक्षाओं के अनुसार काम की शुरु करने की जरुरत है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का पेंच पांच दिनों बाद भी नहीं सुलझ सका। इस बीच विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस-राकांपा के नेता आपस में उलझ रहे हैं। राकांपा और शिवसेना अपने कोटे वाले एक भी विभाग कांग्रेस को मिले विभागों से बदलने को तैयार नहीं है। राकांपा और कांग्रेस नेताओं के बीच जारी विवाद के कारण राकांपा और कांग्रेस के नेता बैठक बीच में ही छोड़कर चलते बने। काफी खिंचतान के बाद बीते 30 दिसंबर को ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। पर पांच दिन बाद भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो सका। उम्मीद के मुताबिक शुक्रवार को भी विभाग नहीं बंट सके। दरअसल कांग्रेस कम महत्वपूर्ण विभाग मिलने से नाराज है और पार्टी के नेता मलाईदार विभाग के लिए अड़े हुए हैं। दूसरी तरफ पार्टी के मंत्रियों के बीच भी महत्वपूर्ण विभाग को लेकर खिंचतान चल रही है।
कांग्रेस की वजह से फंसा है पेंच
हालांकि राकांपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के चलते विभागों का बंटवारा नहीं हो पा रहा है। राकांपा के एक मंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी में विभागों के बंटवारे को लेकर कोई समस्या नहीं है पर कांग्रेस कृषि, सहकार व ग्रामीण विकास विभाग में से एक विभाग अपने लिए चाहती है। बदले में पार्टी अपना एक विभाग वापस करने को तैयार है। अब इसमें ग्रामीण विकास और सहकारिता विभाग राकांपा के पास है जबकि कृषि विभाग शिवसेना के पास है। अब कांग्रेस को राकांपा और शिवसेना अपना विभाग देने के लिए तैयार नहीं है। इससे चलते ही विभागों का बंटवारा तय नहीं हो पा रहा है।
आपस में भिड़े अजित-अशोक चव्हाण
गुरुवार की देर रात विभागों के बंटवारे को लेकर शिवसेना नेता सुभाष देसाई के सरकारी निवास पर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के प्रमुख नेताओं की बैठक हुई। बैठक में अशोक चव्हाण ने ग्रामीण विकास, सहकारिता और कृषि विभाग में से कोई एक विभाग कांग्रेस को देने की मांग रखी। चव्हाण इसके लिए अपने कोटे का एक विभाग छोड़ने को भी तैयार थे। इस पर अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस में किससे बात करें, कोई नेता ही नहीं है। इस पर अशोक चव्हाण नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश अध्यक्ष थे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं ऐसे में उनकी बात को कैसे नकारा जा सकता है। इस पर पवार ने कहा कि विभाग बंटवारे की पिछली बैठक में पृथ्वीराज चव्हाण थे, उन्होंने तो कुछ कहा नहीं, अब अशोक चव्हाण नई मांग कर रहे हैं। आखिर ऐसे कैसे चलेगा? यह बोलते हुए अजित पवार आक्रामक हो गए। इस पर अशोक चव्हाण ने नाराजगी व्यक्त की। दोनों के बीच काफी बहस हुई। इस पर तुनक मिजाज अजित पवार बैठक से बाहर निकल गए। उनके पीछे-पीछे राकांपा के नेता भी चल दिए। इससे विभागों के बंटवारा हल नहीं हो सका। मामले के तूल पकड़ने पर अजित पवार ने शुक्रवार को सफाई दी कि उनसे और अशोक चव्हाण से कोई अनबन नहीं हुई। विभाग बंटवारे का मामला करीब 95 प्रतिशत हल कर लिया गया है। थोड़ा बहुत रह गया है उसे भी जल्द ही हाल कर लेंगे। गुरुवार की देर रात को हुई बैठक के बाद शुक्रवार की सुबह ही अशोक चव्हाण अपने गृह जिले नांदेड निकल गए। इससे शुक्रवार को विभाग बंटवारे से संबंधित बातचीत नहीं हो सकी।
पवार से मिले राकांपा के मंत्री
इसबीच शुक्रवार को देरशाम राकांपा शरद पवार ने अपने आवास पर राकांपा कोटे के मंत्रियों और नेताओं के साथ बैठक की।
Created On :   3 Jan 2020 9:26 PM IST