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देशमुख-मलिक के मतदान को लेकर फैसला सुरक्षित, विशष न्यायालय सुनाएगा फैसला
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विशेष अदालत ने 10 जून को होनेवाले राज्यसभा चुनाव में मतदान करने के लिए एक दिन की जमानत दिए जाने की मांग को लेकर मंत्री नवाब मलिक व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक अनिल देशमुख की ओर से दायर आवेदन पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख व मलिक को मनीलांड्रिग के आरोप में गिरफ्तार किया है। दोनों नेता फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और इन्हें मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया है।
मंत्री मलिक की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने बुधवार को न्यायाधीश के सामने कहा कि मेरे मुवक्किल विधानसभा के सदस्य हैं। राज्यसभा के चुनाव के लिए मतदान करना उनका कर्तव्य है। चूंकि मेरे मुवक्किल हिरासत में है सिर्फ इसलिए उन्हें मतदान करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह पूरी तरह से अवैध होगा। मतदान के लिए अपात्रता का प्रश्न तब पैदा होता है जब कोई दोषी पाया गया आरोपी कोर्ट में इसके लिए आवेदन करता है। वर्तमान में मेरे मुवक्किल (मलिक) एक विचाराधीन कैदी हैं।
वहीं देशमुख की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है। यह मतदान करने की अनुमति देने से ज्यादा गंभीर है। वहीं ईडी की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने दोनों नेताओं के आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि मतदान का अधिकार कोई मौलिक अधिकार नहीं है। यह एक वैधानिक अधिकार है। जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) के तहत यदि कोई जेल में बंद है तो उसे किसी भी चुनाव में मतदान करने का अधिकार नहीं है। यह धारा विचाराधीन कैदी पर भी लागू होती है। न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। अदालत गुरुवार को अपना फैसला सुना सकती है। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होने वाला है।
Created On :   8 Jun 2022 9:21 PM IST