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- Despite the approval from the government, mba could not start in gondwana university
दैनिक भास्कर हिंदी: सरकार से मंजूरी के बावजूद गोंडवाना यूनिवर्सिटी में शुरू नहीं हो सका एमबीए

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। राज्य सरकार के उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक परिपत्रक जारी करते हुए गड़चिरोली में आरंभ किए गए गोंडवाना विश्व विद्यालय में एमबीए समेत कुल 7 नए पाठ्यक्रमों को शुरू कराने का निर्णय लिया है। लेकिन गोंडवाना यूनिवर्सिटी प्रबंधन के पास एमबीए के लिए पृथक इमारत और पद उपलब्ध नहीं होने से यह पाठ्यक्रम आगामी 2 वर्ष तक आरंभ होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बता दें कि आदिवासी बहुल और नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले के विद्यार्थियों को एमबीए की शिक्षा के लिए नागपुर अथवा पुणे जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या के निवारण हेतु यूनिवर्सिटी प्रबंधन गंभीर नहीं होने से विद्यार्थियों समेत संबंधित अभिभावकों में असंतोष पनप रहा है।
बता दें कि, 27 सितंबर 2011 को गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले के महाविद्यालयों के लिए गड़चिरोली मुख्यालय में पृथक गोंडवाना यूनिवर्सिटी की स्थापना की गयी। इस यूनिवर्सिटी में गड़चिरोली जिले के 208 और चंद्रपुर जिले के 129 महाविद्यालयों शामिल किये गये। शुरुआती दौर से अब तक केवल 5 ही पाठ्यक्रम यूनिवर्सिटी में उपलब्ध थे। इनमें अंगरेजी, गणित, वाणिज्य, इतिहास और समाजशास्त्र था, जिसके चलते विज्ञान समेत अन्य संकाय की शिक्षा के लिए सभी विद्यार्थियों को नागपुर के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विद्यापीठ समेत अन्य यूनिवर्सिटी की ओर आवेदन करना पड़ता था। पृथक यूनिवर्सिटी होने के बाद भी स्थानीय विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए जद्दोजहद की नौबत है। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न प्रकार के 7 नए पाठ्यक्रम आरंभ करने का निर्णय लिया। इन पाठ्यक्रमोंं में एम. एस. सी. (कम्प्यूटरशास्त्र), एम. एस. सी. (भौतिकशास्त्र), एम. एस. सी. (रसायन शास्त्र), एम. ए. (अप्लाइड अर्थशास्त्र), एम. ए. (मराठी), एम. बी. ए. और एम. ए. (मास कम्यूनिकेशन) आदि शामिल हैं।
उपरोक्त सभी पाठ्यक्रमों के लिए सरकार ने 28 सहायक प्राध्यापकों समेत 28 शिक्षकेतर कर्मचारियों के पदों को मंजूरी भी प्रदान की। यूनिवर्सिटी प्रबंधन के पास एम. ए. (मराठी) और एम. बी. ए. संकाय के लिए पृथक इमारत उपलब्ध नहीं होने से अब तक ये दोनों पाठ्यक्रम आरंभ नहीं हो पाये हैं। वर्तमान में यहां केवल 10 पाठ्यक्रमों के लिए तकरीबन 461 विद्यार्थी शिक्षारत होने की जानकारी मिली है। आज भी मराठी और एमबीए की शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्थानीय विद्यार्थियों को अन्य शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है। गोंडवाना यूनिवर्सिटी इन संकायों की शिक्षा आरंभ करने गंभीर नहीं दिखायी देने से रोष व्यक्त किया जा रहा है।
पृथक इमारत के लिए प्रयास जारी
एमबीए संकाय की शिक्षा के लिए पृथक इमारत की आवश्यकता है। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन के पास यह इमारत उपलब्ध नहीं होने से मान्यता के बाद भी हम एमबीए की शिक्षा आरंभ नहीं कर पा रहे हैं। पृथक इमारत के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव पेश किया गया है। निधि प्राप्त होते ही इमारत का निर्माण होगा और एमबीए की शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी। - डा. नामदेव कल्याणकर कुलपति, गोंडवाना यूनिवर्सिटी, गड़चिरोली
60 फीसदी महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद रिक्त
गड़चिरोली और चंद्रपुर जिले के कुल 337 महाविद्यालयों के लिए गड़चिरोली मुख्यालय में पृथक गोंडवाना यूनिवर्सिटी आरंभ किया गया है। इन महाविद्यालयों में से तकरीबन 60 फीसदी महाविद्यालयों में पिछले अनेक वर्ष से प्राचार्य के पद रिक्त होने की जानकारी मिली है। संबंधित महाविद्यालयों में शिक्षारत विद्यार्थियों का बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। हालांकि, संबंधित महाविद्यालयों को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने प्राचार्य पद तत्काल भरने के निर्देश दिए हैं, लेकिन प्राचार्य और प्राध्यापकों के वेतन में काफी अंतर नहीं होने से प्राध्यापकों द्वारा भी प्राचार्य का पदभार स्वीकारा नहीं जा रहा है। नतीजा यह है कि, इन महाविद्यालयों में प्रबंधन का कार्य भी प्रभावित होने लगा है। इस स्थिति को नियंत्रण में लाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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