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देवांता हॉस्पिटल सील, जब तक जांच चलेगी नहीं हो सकेगा इलाज
डिजिटल डेस्क शहडोल। इलाज में लापरवाही बरतने, ज्यादा पैसा वसूलने सहित ढेरों अनियमितता मिलने के बाद प्रशासन ने रविवार को देवांता हॉस्पिटल को सील कर दिया है। जब तक जांच चलेगी हॉस्पिटल पूरी तरह से बंद रहेगा। कलेक्टर द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच कमेटी के प्रतिवेदन के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। जांच कमेटी ने हॉस्पिटल में सबसे बड़ी फाल्ट यह पाई है कि एक चिकित्सक के नाम पर यहां मरीजों का इलाज अनधिकृत चिकित्सक करते थे।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए समिति ने हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन निरस्त किए जाने की अनुशंसा की भी है। प्रतिवेदन मिलने के बाद रविवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रशासन द्वारा अस्पताल को सील कर दिया गया। गौरतलब है कि चोरभटी जिला अनूपपुर निवासी पुष्पा राठौर पति संतोष कुमार राठौर की 22 सितंबर को हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। जहरीले पदार्थ का सेवन करने पर 13 सितंबर को उसे यहां एडमिट कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरती गई। चिकित्सकों ने उनको सही जानकारी नहीं दी, बस पैसे वसूलते रहे। मौत के बाद भी शव को वेंटीलेटर पर रखे रहे। पैसा वसूलने के बाद शव दिया गया।
डायग्सोसिस से इलाज तक लापरवाही-
जांच कमेटी द्वारा सौंपे गए प्रतिवदेन के अनुसार पुष्पा राठौर के डायग्नोसिस से लेकर इलाज तक में कई तरह की अनियमितता और लापरवाही हुई है। चिकित्सक द्वारा संभावित डायग्नोसिस (सीकेडी विथ सेफ्सिस) लिखा था, जबकि मृतिका की हिस्ट्री एवं जांच रिपोर्ट से यह प्रमाणित नहीं होता कि महिला सीकेडी क्रॉनिक किडनी डिसीज की मरीज थी। मृतिका की हिस्ट्री में 9 सितंबर को जहरीली दवा लेने से तबीयत खराब होना बताया गया। केस सीट में किसी भी चिकित्सक का नाम अंकित नहीं था। इसमें ओवर राइटिंग एवं मैनीपुलेशन पाया गया। वाइटल चार्ट में ओवर राइटिंग तथा कई स्थानों पर हस्ताक्षर नहीं मिले। रजिस्टर में भी कई जगह ओवर राइटिंग मिली। मृतिका के जांच संबंधी पूर्ण रिकार्ड मौके पर नहीं मिले। पूछताछ के दौरान हॉस्पिटल के अधिकतर स्टॉफ ने इलाज के अधिकतर बिन्दुओं पर अनभिज्ञता जाहिर की है।
Created On :   26 Sept 2021 10:04 PM IST