अधिवक्ता सदावर्ते के खिलाफ बीसीएमजी की ओर से जारी अनुशासनात्मक, कार्रवाई पर रोक से इनकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अधिवक्ता गुणरत्न सदावर्ते के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (बीसीएमजी) की ओर से शुरु की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सिर्फ वकील है इसलिए उनके साथ विशिष्ट बरताव नहीं किया जा सकता है। बीसीएमजी ने अधिवक्ता सदावर्ते के खिलाफ सार्वजनिक जगह पर कालकोट व बैंड पहनकर एसटी महामंडल के आंदोलन में शामिल होने को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरु की है। क्योंकि यह बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से बनाए गए नियमों का उल्लंघन है और वकीलों को लेकर तय की गई नैतिकता के भी विपरीत है। इस संबंध में बीसीएमजी ने सदावर्ते को नोटिस जारी किया था। जिसके खिलाफ सदावर्ते ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।याचिका में सदावर्ते ने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ शिकायत की गई है।
बीसीएमजी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मिलिंद साठे ने कहा कि याचिकाकर्ता(सदावर्ते) के खिलाफ दो शिकायते की गई थी। इसमें एक शिकायत को खारिज कर दिया गया है। जबकि दूसरी शिकायत को बीसीएमजी जारी रखना चाहती है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम बीसीएमजी की अनुशासनात्मक कमेटी के अधिकार क्षेत्र में दखल देने के इच्छुक नहीं है। वहीं सदावर्ते की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सुभाष झा ने कहा कि इस मामले के शिकायतकर्ता का मेरे मुवक्किल से कोई लेना देना नहीं है। मामला से जुड़ा शिकायतकर्ता पुणे में रहता है और मेरे मुवक्किल(सदावर्ते) मुंबई में रहते है। इस दौरान उन्होंने अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के प्रावधानों का भी हवाला दिया। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम बीसीएमजी की ओर से शुरु की गई कार्रवाई पर रोक नहीं लगाएंगे।
Created On :   21 March 2023 9:07 PM IST