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पूर्व गृहमंत्री का दावा : मुझ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से मुंबई पुलिस में है नाराजगी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व गृहमंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख ने हाईकोर्ट में दावा किया है कि उन पर लगे भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों के चलते राज्य के पुलिस तंत्र में नाराजगी है। मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एनजे जामदार की खंडपीठ से देशमुख के वकील अमित देसाई ने कहा कि जांच के चलते देशमुख को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है जबकि सीबीआई की एफआईआर में उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल सामग्री मौजूद नहीं है। बता दें कि देशमुख ने सीबीआई की एफआईआर खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। देशमुख का पक्ष रखते हुए वकील देसाई ने कहा कि एक भी व्यक्ति ने ऐसा नहीं कहा कि उससे पैसे मांगे गए हैं। मामले में कोई पीड़ित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अपने पत्र में जो लिखा है वह ज्यादा से ज्यादा मुंबई पुलिस आयुक्त के गलियारों में कुछ संदेह या कानाफूसी पैदा कर सकती है लेकिन इसकी जांच अवांछित है।
बिना सबूत के दानव बन गए देशमुख
देसाई ने कहा कि देशमुख के खिलाफ कोई सबूत न होने के बावजूद वे यहां दानव बन गए और बिना ठोस सबूत के उन्हें शर्मिंदा किया गया है। उन्होंने कहा कि तबादले और तैनाती नीतिगत मुद्दा हैं। सीबीआई इस प्रक्रिया में दखल दे रही है। देशमुख पर लगे आरोपों ने पूरे पुलिस बल में नाराजगी पैदा की है। हाईकोर्ट अगले सप्ताह मामले पर सुनवाई करेगी। बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर देशमुख पर हर महीने मुंबई के बारों, पबों से पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और दूसरे पुलिसवालों के जरिए 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए थे। इसी के आधार पर वकील जयश्री पाटील ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की प्राथमिक जांच के आदेश दिए थे। प्राथमिक जांच के बाद सीबीआई ने आरोपों में तथ्य होने का दावा करते हुए देशमुख और दूसरे आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। देशमुख ने इस एफआईआर के एक हिस्से को खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
Created On :   23 Jun 2021 9:35 PM IST