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हर जिले में जिला मराठी समिति होगी स्थापित, भाषा का सख्ती से इस्तेमाल अनिवार्य
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में सरकारी कामकाज में अब मराठी भाषा का सख्ती से इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार मराठी भाषा के इस्तेमाल के लिए हर जिले में जिला मराठी समिति स्थापित करेगी। जबकि राज्य स्तर पर राज्य मराठी भाषा समिति बनाई जाएगी। यह दोनों समितियां मराठी भाषा के उपयोग को सुनिश्चित करेगी। इस संबंध में सोमवार को प्रदेश के मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई ने विधान परिषद में महाराष्ट्र राजभाषा (संशोधन) विधेयक 2021 को पेश किया। सरकार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इस विधेयक को मंजूर कराया। सरकार ने मराठी भाषा को सख्ती से लागू करने के लिए महाराष्ट्र राजभाषा अधिनियम 1964 में संशोधन किया है। सरकार मराठी भाषा का प्रशासनिक कामकाज के साथ जनहित और जनसंवाद के लिए प्रभावी रूप से उपयोग करेगी। देसाई ने कहा कि मराठी भाषा का इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में मराठी भाषा अधिकारी नियुक्त कि जाएंगे। जिलेवार समिति भी गठित की जाएगी।
सरकार के विभागों के अलावा प्राधिकरणों, महामंडलों और सरकारी वेबसाइटों के निर्माण के लिए मराठी का उपयोग किया जाएगा। देसाई ने कहा कि सरकारी कामकाज में मराठी भाषा के इस्तेमाल न करने की काफी शिकायतें मिली थीं। नागपुर पुलिस विभाग की ओर पुलिस कर्मियों को निर्देश बार-बार हिंदी भाषा में दिया जाता है। यदि हमने इस पर अनदेखी की तो धीरे-धीरे हिंदी भाषा नजर आएगी। वसई-विरार मनपा के परिवहन विभाग की बसों का टिकट अंग्रेजी भाषा में है। मीरी भायंदर मनपा का ध्वाजारोहण कार्यक्रम पूरी तरह से हिंदी भाषा में हुआ था। इससे पहले विधान परिषद में 7 विधेयक पारित हुआ। हालांकि विधेयकों के मंजूरी के समय विपक्ष सदन में वॉकआउट के कारण मौजूद नहीं था।
Created On :   5 July 2021 9:34 PM IST