काली हुई किसानों की दीवाली, खलिहान में खराब हुआ मक्का 

Diwali of blackened farmers, maize spoiled in the barn
काली हुई किसानों की दीवाली, खलिहान में खराब हुआ मक्का 
काली हुई किसानों की दीवाली, खलिहान में खराब हुआ मक्का 

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। पहले मानसून की देरी, फिर फाल आर्मी वर्म का प्रकोप, उसके बाद अतिवर्षा.. खरीफ सीजन में मौसम के विपरीत तेवर से जूझने के बाद मक्का की फसल पककर खलिहान में पहुंची तो फिर संकट के बादल छा गए। दीपावली पर जब फसल बाजार में पहुंचने का वक्त आया तो बारिश ने कहर बरपा दिया।  धूप की कमी से मक्का के दानों में अंकुरण शुरू हो गया है, भुट्टों में तेजी से फफूंद बढ़ रही है। मौसम के कहर के कारण किसानों की दीपावली सूनी रही। इसका असर केवल किसानों की आमदनी पर ही नहीं जिले के बाजार पर भी पडऩा तय माना जा रहा है।
जिले में इस साल मक्का फसल का रकबा 3 लाख हेक्टेयर पार कर गया। मानसून में देरी के चलते किसानों ने कम अवधि वाली प्रजाति की बोवनी की लेकिन किसानों का यह निर्णय उनके लिए घातक साबित हुआ। दरअसल इस साल लगातार बारिश और बादलों की मौजूदगी के कारण पौधों की बढ़वार प्रभावित हुई। इस बीच दशहरा पर्व के बाद मौसम खुलने से किसानों को थोड़ी राहत मिली। खेतों में पानी भरा होने के कारण किसानों ने भुट्टे तुड़ाई और पौधों की कटाई का काम भी देरी से शुरू किया। लेकिन दीपावली के पांच दिन पहले से एक बार फिर मौसम के तेवर बदल गए। लगातार बादल छाए रहने और रिमझिम बारिश से खलिहान में रखे भुट्टे भी खराब हो गए। भुट्टों के अंदर पानी भरने से दानों में अंकुरण होने लगा है तो वहीं फफूंद भी लगने लगी है। 
भंडारण की समस्या
मक्का रकबा बढऩे के कारण किसानों के पास भुट्टों के भंडारण की समस्या उत्पन्न हो गई है। दरअसल पौधों से तोड़े गए भुट्टों से दाना निकालने के पूर्व अच्छी तरह सुखाने की आवश्यकता है लेकिन बादल छाए रहने के कारण किसान भुट्टों को सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं। कई किसानों ने खलिहान में भुट्टों के ढेर लगाकर पालीथीन से ढांक दिया है। हवा नहीं मिलने से इन भुट्टों में फफूंद लग रही है। जिन भुट्टों को खुले में रखा गया है उनमें पानी भरने के कारण अंकुरण हो रहा है। चारगांव के किसान गनपत पटेल ने बताया कि किसानों के पास भुट्टों को रखने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, अधिकांश किसानों ने आंगन या खलिहान में ढेर लगाकर रखा है। कई गांवों में लोगों ने सड़क के किनारे ढेर लगाकर रखे हैं। ऐसे में मक्का को बारिश से बचाना संभव नहीं है। 
इनका कहना है..
भुट्टों को बारिश के पानी से बचाने की व्यवस्था बेहद जरूरी है। हवादार जगह में भुट्टों को रखकर सुरक्षा की जा सकती है। किसान खलिहान में भुट्टों का बारिश से बचाने के लिए इस तरीके से ढांकें जिससे भुट्टों का पर्याप्त हवा मिल सके।
डॉ. विजय पराडकर, कृषि वैज्ञानिक
 

Created On :   29 Oct 2019 9:14 AM GMT

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