डीएमईआर को नहीं मिले लीवर दान संबंधी दस्तावेज, पिता की जान बचाने लीवर देना चाहती है बेटी

DMER did not get documents related to liver donation
डीएमईआर को नहीं मिले लीवर दान संबंधी दस्तावेज, पिता की जान बचाने लीवर देना चाहती है बेटी
हाईकोर्ट डीएमईआर को नहीं मिले लीवर दान संबंधी दस्तावेज, पिता की जान बचाने लीवर देना चाहती है बेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय (डीएमईआर) को  आंशिक लीवर दान की मंजूरी के लिए भेजे गए दस्तावेज नहीं मिले हैं। हाईकोर्ट में अपने पिता को लीवर दान करने की इच्छुक एक 16 साल की लड़की ओर से अपनी मां के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। लड़की अपने पिता की जान बचाने के लिए उन्हें अपने लीवर दान करना चाहती है। लड़की ने याचिका में दावा किया है कि उसने इस बारे में सक्षम प्राधिकरण के पास आवेदन किया था लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। 

इसके मद्देनजर हाईकोर्ट ने 2 मई को डीएमईआर को इस बारे में शीघ्रता से निर्णय लेने का निर्देश दिया था। बुधवार को जब यह याचिका न्यायमूर्ति रेवती ढेरे व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी तो सरकारी वकील प्रिय भूषण काकडे ने कहा कि डीएमईआर को इस मामले को लेकर दस्तावेज नहीं मिले है। वहीं इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि अस्पताल नाबालिग लड़की के अंगदान से जुड़े फार्म को स्वीकार नहीं कर रहा है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने ग्लोबल अस्पताल को निर्देश दिया कि वह मामले से जुड़े मरीज के दस्तावेज स्वीकार करे और दस्तावेजों को डीएमईआर के पास निर्णय लेने के लिए भेजा जाए। ताकि इस पर शीघ्रता से निर्णय लिया जा सके। 

खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई रखी है। नियमानुसार नाबालिग को अंगदान करने का प्रावधान नहीं है। इसलिए लड़की ने अपनी मां के जरिए कोर्ट में याचिका दायर की है। लड़की के पिता को लीवर ट्रांसप्लांट की जरुरत है। बेटी अपने पिता को लीवर देने के लिए सबसे उपयुक्त पायी गई है किंतु उसकी उम्र 16 साल है। इसलिए उसने अंगदान देने की मंजूरी के लिए मेडिकल शिक्षा महानिदेशालय (डीएमईआर) के पास आवेदन किया है। अंगदान से जुड़े मामले से जुड़े आवेदन को मंजूरी देने के लिए डीएमईआर उपयुक्त प्राधिकरण है। याचिका में नाबालिग लड़की ने कहा है कि मार्च 2022 से उसके पिता परेल के ग्लोबल अस्पताल में भर्ती है। उन्हें लीवर से जुड़ी तकलीफ है। उनकी हालत गंभीर है। डाक्टरों ने लीवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया है।

याचिका में बेटी ने कहा है कि डाक्टरों ने लीवर के लिए सभी रिश्तेदारों की जांच की लेकिन कोई भी लीवर दान के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया है। किंतु जब मेरी जांच की गई तो मेरा लीवर पिता के लिए उपयुक्त पाया गया है। मेरे अलावा फिलहाल और कोई लीवर दान के लिए उपलब्ध नहीं है। पिता की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। डाक्टरों ने जो अंशकालिक उपचार किया है। उसके तहत पिताजी 15 दिन और जीवित रह सकते हैं। 

 

Created On :   4 May 2022 9:09 PM IST

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