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- Do not give names to tigers, let them remain their special identity, new rules also apply
दैनिक भास्कर हिंदी: बाघों को नाम न दें, उनकी खास पहचान ही रहने दें, नए नियम भी लागू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ताड़ोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में अब बाघों को फैंसी नाम नहीं दिए जा सकेंगे। इसके साथ ही उनकी वास्तविक लोकेशन सहित अन्य जानकारियां सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर भी रोक लगाई गई है। इसका उल्लंघन करने वन विभाग के कर्मचारियों को निलंबित किया जा सकता है, वहीं वैसे पर्यटकों के रिजर्व में प्रवेश पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है। टीएटीआर के फील्ड डायरेक्टर व कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट एनआर प्रवीण के अनुसार, रिजर्व की ओर से 19 अक्टूबर को सभी टूरिस्ट गाइड्स, सफारी वाहनों के ड्राइवर, मालिकों, रिसॉर्ट के मालिकों, होम स्टे की सुविधा प्रदान करने वालों को परिपत्र भेजकर नए नियम की जानकारी दे दी गई है। यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
एनटीसीए का दिशा निर्देश
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के दिशा-निर्देश के अनुसार बाघों को कोड जैसे टी 1 या टी 2 के रूप में पहचान दी जानी चाहिए। जिम कार्बेट सहित देश के कई टाइगर रिजर्व में इसका पालन किया जा रहा है। जारी परिपत्र के अनुसार अब न तो किसी बाघ को नाम दिया जाएगा और न ही कहीं भी उनका उल्लेख किसी खास नाम से किया जाएगा।
सोशल मीडिया से नाम हटाने के निर्देश वन्यजीव प्रेमियों व अन्य पर्यटकों से सोशल मीडिया से ऐसे पोस्ट को हटाने को भी कहा गया है, जिनमें बाघों को विभिन्न नाम से बताया गया है। इसके लिए तीस दिन का समय दिया गया है। समयावधि परिपत्र जारी होने के दिन से लागू होगा।
टीएआरटी के चर्चित बाघ
नियमित रूपसे ताड़ोबा अंधारी जाने वन्यजीव प्रेमियों ने कई बाघों का नामकरण किया है और वह काफी चर्चित भी रहा है। इनमें माया, छोटी, मटकासुर, तारा, माधुरी, सोनम, शर्मिली, जूनाबाई, सूर्या काफी चर्चित रहे हैं।
मानवीकरण से नुकसान
बाघ या किसी अन्य वन्य जीव के मानवीकरण से लाभ से ज्यादा हानि की आशंका रहती है। इससे अव्यावहारिक व्यवहार को बढ़ावा मिलता है और वन्यजीव पर मानवीय भावनाएं लादी जाती हैं। लोग वन्यजीव के लिए पालतू या निकट व्यक्ति की तर्ज पर स्नेह प्रकट करने लगते हैं। इस तरह का व्यवहार वन्य जीवों के प्रति सहज नहीं है। - रविकिरण गोवेकर, फील्ड डायरेक्टर पेंच
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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