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पूर्व मंत्री की चेतावनी - अधिकारी दिमाग में न रखें गलतफहमी, छिंदवाड़ा से जाने में एक से दूसरा मिनट नहीं लगेगा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा।आयुष्मान भारत निरामयम् योजना के तहत मंगलवार को जिला अस्पताल में आयोजित जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर में जिला अस्पताल की लचर कार्यप्रणाली से नाराज पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना जमकर उखड़े। उन्होंने कहा कि अधिकारी कर्मचारी यदि किसी के दिमाग में यह गलतफहमी है कि उसका कुछ नहीं हो सकता, तो एक से दूसरा मिनट नहीं लगेगा, छिंदवाड़ा से बाहर जाने में। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों की लगातार मिल रही शिकायतों पर कहा कि यह शर्म की बात है कि इतने अधिक डॉक्टर होने के बाद भी मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है। अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को आपसी तालमेल बनाकर काम करना होगा। ड्यूटी करने में अहम सामने नहीं आना चाहिए। अस्पताल आने वाले हर मरीज को बेहतर इलाज मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में 110 सफाई कर्मचारी हैं, इसके बाद भी वार्ड और परिसर में सफाई नहीं होती। पिछले दिनों निगम आयुक्त ने निगम कर्मचारियों से सफाई कराई थी। अस्पताल के बाथरूम बंद पड़े हैं। अधिकारी कर्मचारियों को अपनी जवाबदारी समझनी होगी, तभी बेहतर कार्य हो सकता है। शिविर में सांसद के निज सचिव जेपी सिंह, अपर कलेक्टर राजेश शाही, एसडीएम अतुल ङ्क्षसह, निगम कमिश्नर इच्छित गढ़पाले, सिविल सर्जन डॉ.श्रीमती पी गोगिया, आरएमओ डॉ.सुशील दुबे समेत अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
मोबाइल पर कहा... अधिकारी काम करें, नेतागिरी नहीं-
जिला अस्पताल के बाथरूम बंद होने की शिकायत से नाराज पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने नाराजगी जाहिर की। इस पर सिविल सर्जन डॉ.श्रीमती गोगिया ने पीआईयू के अधिकारियों द्वारा सीवरेज लाइन ठीक न करने की बात रखी। जिला स्वास्थ्य शिविर के मंच से ही श्री सक्सेना ने पीआईयू के अधिकारी को फोन किया। उन्होंने फोन पर अधिकारी से कहा कि आप नेतागिरी करने छिंदवाड़ा में हो या काम करने। अधिकारी नेतागिरी के अलावा कुछ नहीं करते। अधिकारी उच्च स्तर पर चापलूसी छोड़ दें। श्री सक्सेना की फटकार के कुछ देर बाद ही पीआईयू की पूरी टीम अस्पताल पहुंच गई। टीम ने अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों के साथ मिलकर अस्पताल का निरीक्षण किया और मंगलवार दोपहर से ही सीवरेज लाइन का सुधार कार्य शुरू करा दिया गया था।
शिविर में 1 हजार 258 मरीज पहुंचे
जिला अस्पताल परिसर में आयोजित आयुष्मान भारत मध्यप्रदेश निरामयम योजना के तहत जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के मुख्य आतिथ्य में आयोजित शिविर में जिलेभर के 1 हजार 258 मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।