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बगैर डिग्री के इलाज करने वाली डॉक्टर मरीज को दे दो लाख रुपए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने डेंटल कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री न होने के बावजूद इलाज करने वाले दंत चिकित्सक के प्रति नाराजगी व्यक्त की है। इसके साथ ही चिकित्सकीय लापरवाही के लिए एक मरीज को दो लाख रुपए इलाज के खर्च व मानसिक पीड़ा के लिए देने के संबंध में दिए गए आदेश को कायम रखा है। अलीबाग जिला उपभोक्ता फोरम ने दंत चिकित्सक संगीता दिवेकर को पीड़ित मरीज को दो लाख रुपए देने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ दंतचिकित्सक दिवेकर ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की थी।
आयोग के अध्यक्ष ए पी भांगले की पीठ के सामने अपील पर सुनवाई हुई। इस दौरन दंत चिकित्सक के वकील ने दावा किया कि जिला उपभोक्ता फोरम ने उसका पक्ष सुने बगैर ही दो लाख रुपए देने के संबंध में आदेश दे दिया है। यह एक तरफा आदेश है। इस लिहाज से यह आदेश ख़ामिपूर्ण है। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद आयोग के अध्यक्ष भांगले ने पाया कि दंत चिकित्सक के पास स्नातकोत्तर के स्पेशलाइज कोर्स की डेंटल कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डिग्री नहीं है। उसने मरीज के उपचार का रिकॉर्ड भी नहीं रखा है। यह रिकॉर्ड न रखना उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत चिकित्सकीय लापरवाही के दायरे में आता है। इस लिहाज से हमे जिला उपभोक्ता फोरम का आदेश सही नजर आ रहा है। यह बात कहते हुए दंतचिकित्सक की अपील को खारिज कर दिया।
Created On :   31 Aug 2020 8:35 PM IST