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641 ग्रामों में सफल हुआ नशामुक्ति अभियान, डॉ. अभय बंग के प्रयास ला रहे रंग
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली जिले के 641 गांवों के नागरिकों ने नशे से दूरी कर ली है। मुक्तिपथ अभियान द्वारा की गई जनजागृति के चलते 1 हजार 203 गांवों में शराबबंदी संगठन गठित किए गए हैं। शराब बिक्री पर रोक लगाने के लिए पुलिस विभाग ग्रामीणों का सहयोग कर रहा है। इस आशय जानकारी सर्च के संस्थापक पद्मश्री डा. अभय बंग ने दी।
एक्शन प्लान किया है तैयार
मुक्तिपथ अभियान के जिला कार्यालय में डा. बंग ने बताया कि, जनवरी से दिसंबर 2018 तक की समयावधि में जिले में शराबबंदी करने के लिए पुलिस विभाग और मुक्तिपथ अभियान द्वारा एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। उपविभागीय पुलिस अधिकारी और पुलिस निरीक्षकों की इस संदर्भ में एक बैठक प्रभारी पुलिस अधीक्षक डा. रेड्डी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस कार्य में खाद्य एवं औषधि विभाग भी सहयोग दे रहा है। अभियान के कार्यकर्ता गांवों में पहुंचकर लोगों में नशे से दूर रहने पर जनजागृति कर रहे हैं। इस मुहिम को व्यापक सफलता भी मिल रही है। पुलिस विभाग, पत्रकारों और ग्रामीणों के सहयोग से शराबबंदी करना मुमकिन है। जिले की 456 ग्राम पंचायतों में से 397 ग्रापं में समितियों की स्थापना कर क्षेत्रों का नशामुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। इस समय मुक्तिपथ अभियान के संतोष सावलकर समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
पूरा परिवार जुड़ा है समाजसेवा से
बता दें कि बंग परिवार के सभी सदस्य समाजसेवा से जुड़े हैं ,जिसमें शोधग्राम शामिल है| उनकी पत्नी डॉ. रानी बंग जो कि एक प्रसूतिशास्त्री हैं| ज्येष्ठ पुत्र आनंद बंग भी प्रशिक्षित डॉ. हैं किन्तु अब शोधग्राम के कार्यालय के काम ही देखते हैं| कनिष्ठ पुत्र अमृत बंग “निर्माण” नामक एक कार्यक्रम के संचालक हैं जिसमे युवाओं का मार्गदर्शन का कार्य किया जाता है|भामरागढ़, आहेरी, धनोरा आदि गंभीर रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध संस्थान खड़े कर के इतने वर्षों तक उनका सफलता पूर्वक संचालन करने का निश्चय डॉ. बंग और उनके परिवार ने लिया है।
Created On :   14 March 2018 2:57 PM IST