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कोरोना कम हो रहा पर अस्तित्व बरकरार, आरोपी को दुबई से देरी से भारत आने की दी छूट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि कोरोना संकट भले ही धीरे धीरे कम हो रहा है पर दुनिया भर में इसका अस्तित्व बना हुआ है। यह जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रहा है। हाईकोर्ट ने यह बात फर्जीवाडे व धोखाधड़ी से जुड़े मामले के एक आरोपी को राहत देते हुए कही। यहीं नहीं कोर्ट ने विदेश से आने में यात्रा को लेकर लगे निर्बंधो को देखते हुए आरोपी को तत्काल भारत आने की बजाय फरवरी 2021 में यहां आने की इजाजत दे दी है। इससे पहले अंधेरी के मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी नदीम अली को तत्काल कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ अली ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव के सामने अली की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अली की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता कामरान शेख ने न्यायमूर्ति के सामने कहा कि उनके मुवक्किल साल 2018 के एक मामले में आरोपी है। कोर्ट ने उन्हे जमानत प्रदान की थी लेकिन पासपोर्ट अदालत में जमा करने को कहा था। उन्होंने कहा कि साल 2019 में मेरे मुवक्किल ने पासपोर्ट वापस करने की मांग को लेकर कोर्ट में आवेदन किया। कोर्ट ने मेरे मुवक्किल को उनका पासपोर्ट लौटा दिया। इसके बाद उन्होंने अदालत में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत उपस्थिति को लेकर छूट मांगी। अदालत ने उन्हे यह अनुमति भी दे दी।
उन्होंने न्यायमूर्ति के सामने कहा कि कुछ समय बाद मेरे मुवक्किल को एसी मकैनिक के तौर पर दुबई में दो साल तक के ठेके पर नौकरी मिली गई। मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेरे मुवक्किल को दिसंबर 2019 तक मुकदमे की सुनवाई के दौरान उपस्थिति से छूट दी थी जिसे सितंबर 2020 तक बढा दिया गया। लेकिन अब निचली अदालत ने इस छूट को जारी रखने से मना कर दिया और मेरे मुवक्किल को तत्काल कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया है। जबकि मेरे मुवक्किल के नौकरी का ठेका जनवरी 2021 तक है। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते यात्रा को लेकर लगाई गई पाबंदी के चलते मेरे मुवक्किल का तुरंत भारत आ पाना संभव नहीं है।
इन दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि कोरोना संकट कम हो रहा है लेकिन दुनिया भर में इसका अस्तितव बना हुआ है।जिसका असर महसूस किया जा सकता है। कोरोना ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। जहां तक बात आरोपी की है तो वह नौकरी बचाने के लिए अदालत में उपस्थिति से छूट चाहाता है ताकि वह अपने परिवार का निवर्हन कर सके। इसके अलावा अभी भी यात्रा को लेकर बंदिश कायम है। न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी कानूनी प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही विदेश गया है। जिसके तहत उसने पहले जमानत ली। फिर अदालत की इजाजत से पासपोर्ट लिया। इसके बाद अदालत में उपस्थिति से छूट की भी अनुमति ली। इसलिए मैजिस्ट्रेट कोर्ट के आरोपी के तत्काल अदालत में उपस्थिति से जुड़े आदेश को रद्द किया जाता है और आरोपी को एक फरवरी 2021 को कोर्ट में उपस्थित रहने की छूट दी जाती है।
Created On :   20 Nov 2020 8:35 PM IST