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नाफेड की देरी के कारण तुअर बेचने वाले किसानों का 643 करोड़ रुपए बकाया, खोत ने केंद्र को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) की तरफ से धन राशि उपलब्ध कराने में देरी होने के कारण प्रदेश में तुअर (अरहर) बेचने वाले किसानों का 643 करोड़ रुपए बकाया है। प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार ने नाफेड से राशि देने की मांग की है। हमें उम्मीद है कि नाफेड अगले 10 दिनों में राशि उपलब्ध करा देगा। इसके बाद तुअर बेचने वाले किसानों की बकाया रकम दी जाएगी।
अधिकारी ने बताया कि राज्य में अभी तक किसानों ने 1 हजार 55 करोड़ रुपए की तुअर बेचा है। जिसमें से 412 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। दूसरी ओर राज्य में तुअर खरीद की आखिरी तारीख 18 अप्रैल है। इसके मद्देनजर सोमवार को प्रदेश के विपणन राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह को पत्र लिखा। खोत ने केंद्र सरकार से तुअर खरीद की समयावधि 31 मई तक करने की मांग की है। खोत ने कहा कि राज्य में अभी भी तुअर खरीद के लिए पंजीकृत 2 लाख 54 हजार 265 किसानों से लगभग 26 लाख क्विंटल तुअर खरीदना बाकी है। इतनी तुअर को अगले 18 अप्रैल तक खरीद पाना संभव नहीं है। इस कारण केंद्र सरकार को तुअर खरीद के लिए 31 मई तक का समय देना चाहिए। इससे सभी पंजीकृत किसानों से तुअर खरीदा जा सकेगा।
तुअर खरीदी का समय 31 मई तक करने राज्य मंत्री खोत ने केंद्र को लिखा पत्र
विपणन विभाग के अनुसार प्रदेश में अभी तक 19 लाख 36 हजार क्विंटल तुअर खरीदा जा चुका है। राज्य के गोदामों में केवल अगले 8 दिन तक खरीदी जाने वाली तुअर रखने की ही जगह है। इसके मद्देनजर विपणन राज्य मंत्री खोत ने सभी जिलाधिकारियों को अतिरिक्त गोदामों की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए हैं। राज्य सहकारी विपणन संघ के माध्यम से 1 फरवरी से तुअर खरीदी शुरू है। केंद्र ने इस साल 44 लाख 86 हजार क्विंटल तुअर खरीदने की अनुमति दिया है। प्रदेश में पिछले साल बहुत अधिक उत्पादन होने के कारण 76 लाख क्विंटल तुअर खरीदा गया था। तुअर का बंपर भंडारण होने के कारण सरकार को दाल खपाना मुश्किल हो रहा है।
Created On :   9 April 2018 3:12 PM GMT