चुनावी ड्यूटी में हमले का शिकार होने पर मिलेंगे 30 लाख, सरकारी राशन की दुकानों में सूचना बोर्ड लगाना जरूरी

During attacked in the election duty, victim will get 30 lakhs
चुनावी ड्यूटी में हमले का शिकार होने पर मिलेंगे 30 लाख, सरकारी राशन की दुकानों में सूचना बोर्ड लगाना जरूरी
चुनावी ड्यूटी में हमले का शिकार होने पर मिलेंगे 30 लाख, सरकारी राशन की दुकानों में सूचना बोर्ड लगाना जरूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में चुनाव ड्यूटी पर रहते हुए आंतकी व नक्सली हमले, बारूदी सुरंग विस्फोटों में जान गवाने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के परिजनों को 30 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। जबकि चुनाव ड्यूटी के समय किसी दुर्घटना में अधिकारियों और कर्मचारियों की मौत होने पर उनके परिजन को 15 लाख रुपए मिलेंगे। प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुदान देने के बारे में शासनादेश जारी किया है। इसके अनुसार चुनाव का काम करते हुए हाथ, पैर या फिर आख गवाने के कारण स्थायी रूप से विकलांगता होने पर 7 लाख 50 हजार रुपए मिलेंगे। जबकि आंतकी हमले, नक्सलियों के बम विस्फोट, बारूदी सुरंग विस्फोट, सशस्त्र हमले में दिव्यांग होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को 15 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के अधीन चुनावों के लिए यह अनुदान की व्यवस्था की गई है। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार को 10 अप्रैल को पत्र लिखा था। इसके आधार पर राज्य सरकार ने चुनावों में जिम्मेदारी का निर्वहन करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों अथवा उनके परिजनों को अनुग्रह अनुदान देने के बारे में फैसला किया है। चुनाव तारीखों के घोषणा के दिन से अनुग्रह अनुदान लागू माना जाएगा। 

सरकारी राशन की दुकानों में सूचना बोर्ड लगाना जरूरी

इसके अलावा प्रदेश में सरकारी राशन दुकानदारों को अब अपनी दुकानों कीमतों की जानकारी वाला सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। राशन दुकानों में लगाए जाने वाले  सूचना बोर्ड में खुदरा बिक्री का मूल्य लिखना होगा। इसके अनुसार लक्ष्य निर्धारित लाभार्थियों को वितरित किए जाने वाले अनाज का कोटा, अनाज की पात्रता और दर्जा, राशन दुकान खोलने व बंद करने का समय, दुकानदार के भोजन का समय लिखना होगा। ग्राहकों को किसी तरह कि शिकायत होने पर किस अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं, इसकी जानकारी भी देनी होगी। साथ ही ग्राहकों की शिकायतों के लिए जारी टोल फ्री क्रमांक, हेल्पलाइन क्रमांक भी बोर्ड पर लिखना होगा। प्रदेश सरकार के खाद्य, आपूर्ति व ग्राहक संरक्षण विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है। सरकार ने जिला आपूर्ति अधिकारियों को सभी राशन दुकानों में सूचना बोर्ड लगाने संबंधी रिपोर्ट महीने भर में भेजने को कहा है। सरकार का कहना है कि संसदीय लोकलेखा समिति की सूचना और नियंत्रण आदेश 2015 के अनुसार सभी राशन दुकानदारों को सूचना बोर्ड लगाना आवश्यक है। 

पेंशन बेचने का लाभ बंद करने से अधिकारी संघ नाराज

उधर प्रदेश सरकार की तरफ से साल जनवरी 2016 से दिसंबर 2018 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को अंश राशीकरण  का लाभ न दिए जाने पर राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ ने नाराजगी जताई है। राज्य राजपत्रित अधिकारी महासंघ के संस्थापक जी डी कुलथे ने इस संबंध में प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को पत्र लिखा है। कुलथे ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अंश राशीकरण का लाभ देने की मांग सरकार से की है। कुलथे ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2018 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के संशोधित प्रावधान में अंशराशीकरण के लाभ की अदायगी नहीं करने का प्रावधान किया गया है। इस नकारात्मक प्रावधान के कारण 3 साल में सेवानित्त होने वाले कर्मचारियों पर घोर अन्याय हुआ है। कुलथे ने बताया कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद उनको मिलने वाली पेंशन की राशि का 40 प्रतिशत तक का हिस्सा सरकार को वापस किए जाने पर इसके बदले में कर्मचारियों को एक मुश्त राशि मिलती है। इसे पेंशन बेचना भी कहते हैं। 

 

Created On :   12 April 2019 10:42 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story