ई-पास - 8 हजार से ज्यादा के आवेदन पहले हुए रिजेक्ट, अब दी जा रही परमीशन

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ई-पास - 8 हजार से ज्यादा के आवेदन पहले हुए रिजेक्ट, अब दी जा रही परमीशन

डिजिटल डेस्क जबलपुर । लॉकडाउन तीसरी बार बढ़ गया है, बहुत से लोग जो 40 से 45 दिनों से शहर में फँसे हैं या फिर प्रदेश के अन्य जिलों या बाहर हैं, उन्हें उम्मीद थी कि 3 मई के बाद उन्हें अपने घर जाने मिल जाएगा। 13 हजार से ज्यादा लोगों ने जबलपुर में बनाये गए कंट्रोल-रूम में ई-पास के लिए आवेदन किया है। प्रशासन ने इनमें से 8 हजार से ज्यादा आवेदनों को पहले रिजेक्ट कर दिया था। अब िफर से आवेदन कराए गए हैं और इन लोगों को ग्रीन जोन में जाने की परमीशन भी दी जाने लगी है। कुछ आवेदनों को जरूर अभी भी िरजेक्ट किया जा रहा है, इसमें भी कमियाँ होने के कारण ही इन्हें निरस्त किया जा रहा है। 
पूरे देश में 23 मार्च से लॉकडाउन है जबकि जबलपुर को 21 मार्च से ही बंद कर दिया गया था। यातायात के कोई साधन न मिलने से जो जहाँ था वहीं फँसकर रह गया। कुछ लोगों ने तो जैसे-तैसे व्यवस्था की और चले गए और बहुत से लोग आ भी गए। वहीं जबलपुर के निवासी और शहर से बाहर जाने वालों ने जब से ई-पास सुविधा शुरू हुई है, अभी तक लगभग 13613 आवेदन हुए हैं इनमें से 3933 को ही परमीशन दी गई है जबकि 8872 आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया गया है। इनमें से भी अभी 774 आवेदन ऐसे हैं जो अभी भी पेंडिंग में हैं। ई-पास वाले अब िफर से आवेदन करने में जुटे हैं कि शायद उन्हें परमीशन मिल जाए। फिलहाल तो शहर रेड जोन में है और 17 मई तक यहाँ लॉकडाउन रहेगा कुछ ढील दी गई है, जिसके कारण लोगों को अब आने-जाने मिलने लगा है। 
दोबारा आवेदन हुए हैं इससे संख्या बढ़ी 
ई-पास के लिए जो पहले आवेदन हुए थे और रिजेक्ट हुए वह संख्या भी दिखाई दे रही है, यही कारण है आँकड़ा ज्यादा नजर आ रहा है। ई-पास के मामले में हमने बहुत राहत दी है जिनके पास दस्तावेज हैं उन्हें ई-पास जारी हो रहे हैं। जितने भी आवेदन आ रहे हैं, ग्रीन जोन में तो सभी को परमीशन दी जा रही है।  
-ललित ग्वालवंशी, कंट्रोल-रूम प्रभारी कलेक्ट्रेट

Created On :   4 May 2020 9:25 AM GMT

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