‘कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों की वजह से खाली रह जाती हैं सीटें’

Efforts are going on empty due to engineering colleges emerging like
‘कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों की वजह से खाली रह जाती हैं सीटें’
‘कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों की वजह से खाली रह जाती हैं सीटें’

डिजिटल डेस्क,मुंबई। कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे निजी शैक्षणिक संस्थानों के चलते हर साल इंजीनियरिंग की काफी सीटें खाली रह जाती है। बांबे हाईकोर्ट ने ‘एसोसिएशन ऑफ दि मैनेजमेंट ऑफ़ अनएडेड इंस्टिट्यूट इन रूरल एरिया’ की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही।

याचिका में मुख्य रुप से इंजीनियरिंग व फार्मेसी कोर्स में पाठयक्रम में प्रवेश के लिए तय की गई पात्रता को घटाने की मांग की गई थी। याचिका में सरकार की ओर से अप्रैल 2017 में जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। जिसके तहत यदि किसी सामान्य वर्ग के छात्र को इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना है तो उसे 12 वीं (एचएससी) में गणित, भौतिकी व रसायन शास्त्र में 50 प्रतिशत अंक मिलना चाहिए। जबकि आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए इन विषयों में 45 प्रतिशत अंक होने चाहिए। इसी तरह फार्मेसी कोर्ट में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के छात्र को जीवविज्ञान, भौतिकी व रसायन शास्त्र में 50 प्रतिशत अंक मिलने चाहिए और आरक्षित वर्ग के छात्र का 45 प्रतिशत अंक होने चाहिए। 

40 फीसदी सीटें रह जाती हैं खाली 

सुनवाई के दौरान एसोसिएशन की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि सिर्फ महाराष्ट्र में ही, इस तरह से एडमिशन को लेकर योग्यता तय की गई है। दूसरे किसी राज्य में ऐसा नहीं है। इसकी वजह से यहां पर 40 प्रतिशत सीटें रिक्त रह जाती है। प्रवेश के लिए अंकों के बंधन के चलते ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्र इंजीनियरिंग व फार्मेसी जैसे पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने से वंचित रह जाते हैं। इसलिए इंजीनियरिंग व फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश को लेकर तय की गई पात्रता से जुड़ी अधिसूचना को रद्द किया जाए। 

इन दलीलों को सुनने के बाद जज भूषण गवई व जज रियाज छागला की बेंच ने कहा कि कुकरमुत्तों की तरह उग रहे निजी शैक्षणिक संस्थानों के चलते हर साल सीटें खाली रह जाती हैं। हमें इंजीनियरिंग व फार्मेसी में प्रवेश को लेकर सरकार की ओर से तय की गई पात्रता में कोई खामी नजर नहीं आती है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।

Created On :   29 July 2017 10:55 PM IST

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