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रिटायरमेंट के आठ साल बाद पता चला कि फर्जी थी मुख्याध्यापक की डिग्री, एफआईआर दर्ज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी डिग्री के आधार पर मुख्याध्यापक की नौकरी कर आठ साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके एक शख्स के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है। दरअसल सेवानिवृत्ति के बाद कागजी कार्यवाही के लिए उपलब्ध कराई गई डिग्री की फोटोकॉपी जांचने के बाद इसके फर्जी होने की आशंका हुई। इसे जांच के लिए मुंबई युनिवर्सिटी भेजा गया तो पता चला कि सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक की बीए और बीएड दोनों डिग्री फर्जी है। मामले में ठाणे के कापुरबावडी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
हरेकृष्ण एजुकेशन सोसायटी के मुख्य ट्रस्टी लक्ष्मीचंद आहूजा (75) ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। उन्होंने बताया कि वे आजाद नगर इलाके में स्थित वनबाल विद्यामंदिर नाम का स्कूल उन्होंने साल 1987 में चलाने की जिम्मेदारी ली थी। उस वक्त स्कूल के मुख्याध्यापक के तौर पर कल्लूराम जैस्वार काम कर रहे थे। आहूजा ने स्कूल की जिम्मेदारी लेने के बाद भी जैस्वार को काम करते रहने दिया। जैस्वार 31 मई 2011 को सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद कागजी कार्रवाई के लिए उनसे उनकी डिग्रियां मांगी गई। जैस्वार ने दावा किया कि उनकी असली डिग्री शिक्षा विभाग में जमा हैं और उन्होंने सिर्फ बीए और बीएड की डिग्री की फोटोकॉपी दी।
डिग्री देखकर आहूजा को उसमें गड़बड़ी लगी। इसके बाद उन्होंने मुंबई युनिवर्सिटी से डिग्री से जुड़ी जानकारी मांगी तो पता चला कि डिग्री फर्जी है। इसके बाद शनिवार को पुलिस ने ट्रस्ट और सरकार को चूना लगाने के आरोप में जैस्वार के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
Created On :   14 July 2019 7:22 PM IST