बिजली कंपनी की अंधेरगर्दी -एक बत्ती कनेक्शन में11 हजार, 570 यूनिट खपत-  29 हजार का आया बिल

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बिजली कंपनी की अंधेरगर्दी -एक बत्ती कनेक्शन में11 हजार, 570 यूनिट खपत-  29 हजार का आया बिल

डिजिटल डेस्क,शहडोल। हरदी निवासी रामावतार यादव के घर का बिजली का बिल 11 हजार रुपए से अधिक आया है, जबकि उनके घर में सिर्फ एक बल्ब ही जलता है। बिल देखकर वे हैरान रह गए। उन्होंने अपनी शिकायत बिजली कंपनी के कार्यालय में दर्ज करा दी है। इसी तरह वार्ड 7 निवासी टीपी मिश्रा का बिजली का बिल 29 हजार 700 रुपए आया है। जबकि इस माह बिजली की खपत 570 यूनिट ही है। मीटर में भी 11756 रीडिंग शो हो रही है, लेकिन बिल में इस बार 14 हजार से अधिक की रीडिंग दर्ज की गई है। जिले में बिजली के दो लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। करीब डेढ़ लाख ग्रामीण उपभोक्ता हैं। शहडोल टाउन में ही 25 हजार उपभोक्ता हैं। इस माह आए बिजली के भारी-भरकम बिलों ने उपभोक्ताओं की नींद उड़ा दी है। जिनका हर माह 200 से 500 रुपए के बीच बिल आता था, जुलाई माह में 3 से 5 हजार रुपए तक आया है। कुछ उपभोक्ताओं का बिल तो 10 हजार से ऊपर पहुंच गया है। जैसे-जैसे बिल वितरित हो रहे हैं, उपभोक्ता अपनी शिकायत लेकर बिजली कंपनी के कार्यालय पहुंच रहे हैं। बिल जमा करने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है। 

छह माह का बिल भेजा 

सोहागपुर निवासी रामवती का जुलाई माह का बिजली का बिल 6594 रुपए आया है। जबकि पिछले माह मात्र 821 रुपए बिल आया था। परिवार के लोग बिल सुधरवाने के लिए पहुंचे तो बताया गया कि फरवरी से मीटर की रीडिंग ही नहीं हुई थी। अब पूरा बिल जुड़कर आया है। 

मनमानी रीडिंग भरी गई 

पुराना बस स्टैंड निवासी दीपक कुमार संतवानी का बिल 4296 रुपए आया है, जबकि हर बार 400 से 500 रुपए आता था। उन्होंने बताया कि उनके यहां बिजली के उपकरण नहीं चलते हैं। इस बार मनमाने तरीके से रीडिंग भरी गई है और बिल भेजा गया है।

13 हजार बिल आया 

मार्केट एरिया में रहने वाले दीपक कुमार त्रिपाठी का बिल 13276 रुपए आया है। बिजली ऑफिस पहुंचने पर बताया गया कि पुराना बकाया भी इसमें जोड़ दिया गया है। रीडिंग नहीं होने के कारण हर बार कम बिल आता था। इस बार पूरी रीडिंग का बिल भेजा गया है। 

अधिक बिल आने की दो वजह  

बिजली के बिल अधिक आने की दो वजह बताई जा रही हैं। पहली सरल बिजली स्कीम का समाप्त होना है। योजना का लाभ ले रहे उपभोक्ताओं को अधिकतम 200 रुपए तक बिल भरना पड़ रहा था। दूसरी वजह फोटो मीटर रीडिंग है। इसमें मोबाइल से रीडिंग लेकर एप पर भेजा जाता है। कई जगह मीटर के फोटो में दशमलव का चिन्ह दिखाई नहीं देने से बिल की राशि बढ़ जाती है। 

इनका कहना है 

इस माह कंपनी ने रीडिंग शुरू करा दी गई है। रीडिंग के हिसाब से ही बिल भेजे गए हैं। जिन बिलों में कुछ गड़बड़ी है उनमें सुधार भी कराया जा रहा है। 
आरके स्थापक एसई बिजली कंपनी

Created On :   21 Aug 2019 7:52 AM GMT

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