ऑफिसर्स के बंगले व्यवस्थित, कर्मचारियों के क्वार्टर बदहाल

Employees are facing many problem in their quarters
ऑफिसर्स के बंगले व्यवस्थित, कर्मचारियों के क्वार्टर बदहाल
ऑफिसर्स के बंगले व्यवस्थित, कर्मचारियों के क्वार्टर बदहाल

डिजिटल डेस्क, शहडोल। रेलवे कॉलोनी के आवासों के रखरखाव और सुरक्षा सहित अन्य सुविधाओं में कर्मचारियों को पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों और नेतानुमा कर्मचारियों के बंंगले और आवास तो चकाचक रहते हैं लेकिन अन्य कर्मचारियों के क्वार्टर बदहाली के शिकार हैं। हाल ही में शहडोल प्रवास पर आए बिलासपुर मंडल के डीआरएम को रेल कर्मचारियों के परिजनों और संगठनों ने ज्ञापन सौंपा था। एक सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ज्ञापन की मांगों पर रेलवे प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। जिससे रेलवे के ज्यादातर कर्मचारी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। कालोनी के रखरखाव में पक्षपातपूर्ण संधारण से भी कर्मचारियों के परिवारों में असंतोष है।

कहीं जाली लगी, यहां तार भी नहीं

कालोनी के आवासों में सुरक्षा के लिए रेलवे ने जालियां, फेंसिंग तार और लोहे की पट्टियों लगा दी हैं। सुरक्षा का विशेष ध्यान उन आवासों पर रखा गया है जिनमें विभाग के अधिकारी या फिर नेतानुमा कर्मचारी निवास करते हैं। रेलवे की सेवा में जुटे रहने वाले कर्मचारियों के आवासों में तार फेंसिंग भी नहीं कराई गई। जिससे झाडिय़ों की बाड़ी लगाकर रेल कर्मचारी के परिवार अपने आवासों की सुरक्षा कर रहे हैं। आवासों की सुरक्षा को लेकर यह भेदभाव कालोनी में साफ तौर पर देखा जा सकता है। प्रभावशाली अधिकारी, कर्मचारियों के आवासों में रेलवे ट्रेक के किनारे लगने वाली  लोहेे की पट्टियों से सुरक्षा की गई है। वहीं अन्य कर्मचारी टूटी सीमेंट सीटों और झाडिय़ों से अपने आवासों की सुरक्षा कर रहे हैं।

जर्जर हो रहे आवास

रेलवे के आवासों का निर्माण लगभग पांच दशक पहले कराया गया था। कई आवासों के छत की सीमेंट सीटें टूट गई हैं। जिससे बारिश के दौरान घरों में पानी भरता है। कई आवासों की दीवारें दरक गई हैं। रेलवे कर्मचारियों के परिवार जर्जर आवासों में निवास करने विवश हैं। कर्मचारियों के परिजनों का कहना है कि एईएन आफिस में कई बार आवेदन दिए, मौखिक रूप से आग्रह किया जाता है पर आवासों के संधारण, कालोनी के रखरखाव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।

आवासों के पास झाडिय़ों का जंगल-

रेलवे कालोनी के आवासों के आसपास झाडिय़ों का जंगल ऊग आया है। मुख्य सड़क किनारे तो साफ-सफाई करा दी जाती है पर कालोनी के अंदर झाड़ झंकाड़ की सफाई नहीं कराई जाती है। आवासों के पीछे झाडिय़ां लहलहाती रहती हैं। नालियों की भी नियमित सफाई नहीं होती है। कहने को रेलवे ने सफाई का कार्य आउटसोर्स एजेंसी को दे दिया है पर ठेकेदार के लोग अधिकारियों के बंगलों के आसपास ही सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। रेलवे क्षेत्र में सफाई का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि डीआरएम के प्रवास के दौरान ही एईएन कार्यालय में झाडू लग रही थी।

बिगड़ा पड़ा है हैंडपम्प

पोस्ट आफिस के पीछे कालोनी में लगा हैंडपम्प लम्बे अर्से से बंद पड़ा है। हैंडपम्प के पास ही  सफाई कर्मचारी कचरा फेंक देते हैं। जब कभी पेयजल सप्लाई प्रभावित होने से रेल कर्मचारियों के परिवारों को पानी के लिए यही हैंडपम्प एकमात्र सहारा होता है। बताया गया है कि रेलवे कॉलोनी में लगे ऐसे कई हैंडपम्प बंद पड़े हैं। जिन्हे सुधारने की पहल नहीं की जाती है।

यह थी ज्ञापन में मांगें

शहडोल प्रवास पर आए डीआरएम को नपाध्यक्ष के नेतृत्व में 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा था। इस ज्ञापन में रेलवे कॉलोनी में पुलिस चौकी खोलने, स्टेशन में एटीएम लगाने, रेलवे कॉलोनी और लोको कालोनी टूटी नालियों की मरम्मत, सड़कों का रखरखाव कराने की मांग की गई थी। पुराना रेलवे गोदाम से नार्दन रेलवे कॉलोनी के जर्जर मार्ग की मरम्मत कराने और प्लेटफार्म नंबर एक  से दो में जाने विकलांगों के लिए रैम्प बनवाने की मांगें भी शामिल थीं।

Created On :   22 Oct 2017 5:45 PM IST

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