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प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक की याचिका का किया विरोध
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि आर्थिक अपराध गंभीर अपराध हैं और ऐसे अपराध राष्ट्र के लिए खतरा है। कोर्ट ने यह बात राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। जेल में बंद मलिक ने याचिका में खुद की गिरफ्तारी को अवैध बताया है और जेल से रिहा किए जाने की मांग की है। ईडी ने मलिक को मनी लांड्रिग के आरोप में 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया है। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में है। न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एसएम मोडक की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान ईडी की ओर से पैरवी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने मलिक की याचिका व उन्हें राहत देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मनी लांड्रिंग का अंतरराष्ट्रीय असर है। यह राष्ट्र की गरिमा को प्रभावित करती है। इसलिए इस विषय पर व्यापक कानून बनाया गया है। श्री सिंह की दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि आर्थिक अपराध गंभीर अपराध है और ऐसे अपराध राष्ट्र के लिए खतरा है।
इस बीच सिंह ने कहा कि याचिकाकर्ता (मलिक) की ओर से अवैध गिरफ्तारी को लेकर दिया गया तर्क आधारहीन है। क्योंकि ऐसा नहीं है कि विशेष अदालत ने उनके पक्ष को नहीं सुना है। कोर्ट ने बकायदा आरोपी के पक्ष को सुनने के बाद उनकी हिरासत के बारे में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि ईडी ने आरोपी को उनकी गिरफ्तारी के आधार के बारे में जानकारी दी थी। यह जानकारी आरोपी के बेटे को भी दी गई थी। कानून में आरोपी को गिरफ्तारी के आधार के बारे में सूचित करने का प्रावधान है। उसकी प्रति देने का प्रावधान नहीं है। इस बारे में सारी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। इस मामले में आरोपी की ओर से बंदी प्रत्यक्षिकरण याचिका दायर नहीं की जा सकती है। आरोपी एक तरह से जमानत की मांग कर रहे हैं। जो फिलाहल उन्हें नहीं दी जा सकती है। खंडपीठ के सामने शुक्रवार को भी इस याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी।
Created On :   10 March 2022 9:13 PM IST