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10 करोड़ रुपए से अधिक वाले मामले की ही जांच करेगा ईओडब्ल्यू, अब तक 6 करोड़ थी सीमा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) अब 10 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की ठगी के मामलों की ही जांच करेगी। संसाधनों और जांच अधिकारियों की कमी और ठगी के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने यह फैसला किया है। नए आदेश के बाद अब दस करोड़ रुपए से कम के ठगी के मामलों की छानबीन संबंधित पुलिस स्टेशन को ही करनी होगी। इससे पहले तक आर्थिक अपराध शाखा 6 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा की रकम की ठगी के मामलों की जांच करती थी।
नागराले ने सोमवार को इससे जुड़ा आदेश जारी करते हुए महानगर के सभी 100 पुलिस स्टेशनों से तुरंत प्रभाव से इस पर अमल करने को कहा है। 10 करोड़ रुपए से कम की ठगी के मामले जिनकी जांच बेहद मुश्किल हो और जिसके लिए तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत हो मुंबई पुलिस आयुक्त की इजाजत से ऐसे मामलों की छानबीन आर्थिक अपराध शाखा कर सकती है। केस आर्थिक अपराध शाखा को हस्तांतरित करने के लिए पुलिस स्टेशन को मुंबई पुलिस आयुक्त के पास अर्जी देनी होगी। आर्थिक अपराध शाखा ज्यादातर बैंक, कंपनी, सरकारी योजनाओं, मल्टी लेवल मार्केटिंग, निवेश और गृहनिर्माण से जुड़े घोटालों की जांच करती है। आर्थिक अपराध से जुड़ी जांच में अगर पुलिस स्टेशनों में तैनात जांच अधिकारी को किसी तरह की परेशानी हो रही है तो वे संयुक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) की मदद ले सकते हैं। जो मामले से जुड़े दस्तावेज देखने और दूसरी जानकारियां लेने के बाद जांच के दिशानिर्देश दे सकते हैं।
कोरोना संक्रमण के बाद कम हुए मामले
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने साल 2018 में आर्थिक अपराध के 123 मामले दर्ज किए थे जिनमें 4072 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप था। साल 2019 में ईओडब्ल्यू ने 110 मामले दर्ज किए जिनमें 34219 करोड़ के घोटाले का आरोप था। साल 2020 में 9681 करोड़ रुपए के घोटाले के 57 मामलों की छानबीन ईओडब्ल्यू ने की जबकि इस साल अब तक करीब 2224 करोड़ के घोटाले के 58 मामलों में ईओडब्ल्यू छानबीन शुरू कर चुकी है।
समय के साथ बढ़ती रही रकम
मार्च 2007 में एक आदेश जारी कर ईओडब्ल्यू को 50 लाख से ज्यादा की ठगी के मामलों की ही जांच के निर्देश दिए गए थे। मई 2014 में यह रकम बढ़ाकर 3 करोड़ कर दी गई। इस समय तक आर्थिक अपराध शाखा अपराध शाखा की ही हिस्सा थी लेकिन बाद में इसे अलग कर दिया गया। सितंबर 2018 में जांच के लिए कम से कम 6 करोड़ रुपए के आर्थिक घोटाले का नियम बनाया गया जिसे अब बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
Created On :   30 Jun 2021 7:37 PM IST