शहरी- ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटियों के कामकाज का होगा मूल्यांकन

Evaluation of the functioning of urban rural co-operative societies
शहरी- ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटियों के कामकाज का होगा मूल्यांकन
शहरी- ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटियों के कामकाज का होगा मूल्यांकन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अब शहरी और ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटियों (पत संस्था) के कामकाज का मूल्यांकन होगा। राज्य सरकार ने इसके लिए एक समिति गठित करने का फैसला लिया है। पुणे के सहकार आयुक्त कार्यालय के अतिरिक्त रजिस्ट्रार ज्ञानदेव मुकणे की अध्यक्षता में चार सदस्यों की समिति बनाई गई है। प्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। समिति पता लगाएगी कि सरकार की तरफ से सोसायटी को मिली आर्थिक सहायता का विनियोग हुआ कि नहीं। अब तक कितनी वसूली हुई है। इसके अलावा अनियमितता और भ्रष्टाचार के प्रकरण, कामकाज में खामियां, सोसायटी के सदस्यों के आर्थिक उन्नति में सोसायटी का योगदान, संस्था से रोजगार सृजन समेत अन्य बिषयों पर अध्ययन करेगी। समिति को दो महीनों में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी।

कानून और नीतिगत फैसलों का उल्लंघन करने से सोसाटियों पर आर्थिक संकट
सरकार का कहना है कि सभी सहकारी संस्थाओं से सहकारिता कानून, नियम, संस्था की उपविधि, नाबार्ड की सूचना और सरकार के नीतिगत फैसले के अधीन रहकर कामकाज करना अपेक्षित है। पर कई संस्थाओं ने कानून, नियम, सरकार के नीति गत फैसलों का उल्लंघन करके निर्णय लिया। इस कारण संस्थाओं को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके मद्देनजर सरकार ने शहरी और ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटी के कामकाज का मूल्यांकन और गुणात्मक सुधार के बारे में गहराई से अध्ययन के लिए समिति गठित बनाने का फैसला लिया है।  

5.5 करोड़ है सोसायटियों की सदस्य संख्या
प्रदेश में लगभग 2 लाख सहकारी सोसायटी कार्यरत हैं। इन सोसायटियों की सदस्य संख्या लगभग 5.5 करोड़ है। राज्य के सहकारी क्षेत्र में कार्यशील पूंजी लगभग 6 लाख करोड़ है। सहकारी क्षेत्र में विभिन्न सहकारी संस्था, जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक, सहकारी चीनी कारखाने, सहकारी सूत मिल, पावरलूम सहकारी संस्था, सहकारी कृषि विपणन व प्रक्रिया संस्था, मध्यवर्ती सहकारी ग्राहक संस्था, शहरी और ग्रामीण गैर खेती सहकारी क्रेडिट सोसायटी, सहकारी दुध उत्पादक संघ और औद्योगिक सहकारी संस्था का राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है।

Created On :   10 Dec 2017 4:06 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story