सिटी स्कैन रिपोर्ट में कोविड की पुष्टि हो तो भी मरीज को किया जाए अस्पताल में भर्ती - HC

Even if Covid is confirmed in city scan report, patient should be hospitalized - HC
सिटी स्कैन रिपोर्ट में कोविड की पुष्टि हो तो भी मरीज को किया जाए अस्पताल में भर्ती - HC
सिटी स्कैन रिपोर्ट में कोविड की पुष्टि हो तो भी मरीज को किया जाए अस्पताल में भर्ती - HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि किसी के पास कोरोना के लिए की जानेवाली आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं है लेकिन सिटीस्कैन की रिपोर्ट में कोरोना की पुष्टि होती है तो उसे अस्पताल में भर्ती करने से इनकार नहीं जाए। यदि कोई अस्पताल व कोविड सेंटर ऐसी परिस्थिति में मरीज को उपचार देने से इंकार करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने पेशे से वकील विल्सन जैसवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद दिए गए आदेश में उपरोक्त बात स्पष्ट की। याचिका में राज्य के विधि व न्याय विभाग में कार्यरत रमेश घाडेराव के मामले का उदाहरण दिया गया था। जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट तो निगेटिव थी किन्तु सिटीस्कैन रिपोर्ट में घडेराव के कोविड संक्रमित होने की बात कहीं गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर घाडेराव ने कोविड सेंटर जाकर अस्पताल में भर्ती करने का आग्रह किया। लेकिन उन्हें इसलिए भर्ती नहीं किया गया क्योंकि उनके पास आरटीपीसीआर की पॉजिटिव रिपोर्ट नहीं थी। समय पर उपचार न मिलने के चलते घाडेराव की मौत हो गई। 

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता राज सराफ ने कहा कि पैथोलॉजी द्वारा दी जानेवाली आरटीपीसीआर की रिपोर्ट निगेटिव आने के कई कारण हो सकते है। विधि व न्याय विभाग के जिस अधिकारी की मौत हुई है। उनके फेफड़ों में कोविड का संक्रमण हुआ था। जिसकी सिटीस्कैन रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी। केंद्र सरकार ने कोविड के उपचार के संबंध में जो प्रोटोकॉल जारी किया है। उसके तहत ऐसे मरीज को कोविड संदिग्ध मरीज के रुप में उपचार देने की बात कही गई है। क्योंकि उनमें कोविड के लक्षण नहीं दिखते है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मरीजो के लिए अलग वार्ड बनाने का प्रावधान है।  वहीं इस दौरान अतिरिक्त सरकारी गीता शास्त्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की निर्देशों के तहत 17 मई 2021 को एक परिपत्र जारी कर सभी अस्पतालों व कोविड सेंटर को निर्देश दिया है कि किसी को भी कोविड के उपचार से वंचित न किया जाए। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने विधि व न्याय विभाग में 49 वर्षीय घाडेराव की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इसके साथ ही कहा कि कोई अनावश्यक रुप से अस्पताल में भर्ती होने के लिए नहीं आएगा। इसलिए कोविड सेंटर में भर्ती करने के लिए सिर्फ आरटीपीसीआर रिपोर्ट पर जोर न दिया जाए। इसके साथ ही जो अस्पताल सरकार की ओर जारी निर्देश का उल्लंघन करते हैं। उनके खिलाफ कारवाई की जाए। 

Created On :   4 Jun 2021 5:33 PM IST

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