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हर घर तिरंगा अभियान महिलाओं ने थामा देशभक्ति का झण्डा, बनाये ०१ लाख तिरंगे
डिजिटल डेस्क, पन्ना। आजादी का अमृत महोत्सव ११ अगस्त से १७ अगस्त तक बड़े पैमाने पर इस वर्ष मनाया जाना है। हर घर तिरंगा अभियान के जरिये शहर और गांव के घर-घर में तिरंगा लहराया जायेगा। देशभक्ति का ज्वार उठने को है निजी व सरकारी प्रतिष्ठानों में राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय पर्वाे में फहराया जाता रहा है लेकिन इस बार आजादी का अमृत महोत्सव का वर्ष है और इस खास मौके पर घर-घर फहराते तिरंगें झण्डों से राष्ट्र प्रेम हर ओर दिखाई देगा। हर घर तिरंगा अभियान के लिए बड़ी संख्या में झण्डो की आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी भागेदारी निभाते हुए जिले में महिलाओं द्वारा जिम्मेदारी संभालते हुए ०१ लाख तिरंगे झण्डे तैयार किये गये है। मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन से संबंधित महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किये गये झण्डों को ग्रामीण विकास विभाग को उपलब्ध करवाया गया हेै। ग्रामीण विकास विभाग जनपद पंचायतो के माध्यम से ग्राम पंचायत को तिरंगे झण्डे उपलब्ध करा रहा है। ग्राम पंचायतें मातृ शक्ति द्वारा तैयार किये गये इन झण्डों को ग्राम स्तर पर ग्रामीणों को २५ रूपये की राशि लेकर उपलब्ध करायेगे मध्य प्रदेश राज्य अजीविका मिशन द्वारा स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार किये गये २०-२० हजार झण्डे जनपद पंचायतों को उलब्ध कराये गये है जिन्हें जनपद पंचायतें ग्राम पंचायतों तक ग्रामीणो को वितरण के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
५० स्व सहायता समूहो की २३० महिलाओ ने किया कार्य
मध्य प्रदेश ग्रामीण अजीविका मिशन के जिला प्रबंधक तथा अतिरिक्त मुख्यकार्यापालन अधिकारी अशोक चतुर्वेदी ने बताया कि १३ अगस्त से १५ अगस्त तक चलाये जाने वाले अभियान के लिए तिरंगा बनाने का कार्य आजीविका मिशन अंतर्गत गठित ५० स्व सहायता समूह द्वारा किया गया है। जिसमें लगभग २३० महिलाओं द्वारा तिरंगे तैयार किये गये है। तिरंगे का मानक साइज २० इंच लंबाई तथा ३० इंच चौड़ाई के तैयार किये गये है। महिला समूहों द्वारा औसतन प्रतिदिन १० हजार झण्डे तैयार किये गये। और इस तरह से समूह की महिलाओं ने कुल ०१ लाख तिरंगे उपलब्ध करा दिये गये है।
भारत सरकार से मिले झण्डो से कीमत में कम
मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत बालगुरू के द्वारा बताया गया कि जिले में २ लाख ७० हजार झण्डे फहराने का लक्ष्य दिया गया है जिसमें ०१ लाख ७० हजार झण्डे भारत सरकार से उपलब्ध हुए है तथा वही शेष ०१ लाख तिरंगे महिला स्व सहायता समूह के द्वारा तैयार किये गये है। भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये ०१ नग झण्डे की दर २७.५० रूपयें है वही स्व सहायता समूह द्वारा तैॅयार किये गये तिरंगो झण्डो की कीमत २५ रूपये प्रति नग निर्धारित की गई है इसमे होने वाली आय का लाभ तिरंगा तैयार करने वाली महिला स्व सहायता समूह को मिलेगा।
अलग-अलग विभागो को दी गई वितरण की जिम्मेदारी
भारत सरकार द्वारा दिये गये तिरंगे झण्डो का मूल्य २७.५० रूपये प्रति नग है जबकि महिला स्व सहायता समूह से तैयार कराये गये तिरंगे का मूल्य २५ रूपये प्रति नग दिये जायेगे। जिले में तिरंगे की उपलब्धता और वितरण के लिए जिम्मेदारी सौपी गई है। ग्रामीण क्षेत्रो में ग्राम पंचायत भवन आंगनबाड़ी केन्द्र,उचित मूल्य की दुकानो से तिरंगे उलब्ध कराये जायेगे जबकि शहरी क्षेत्रो में नगर पालिका एवं नगर परिषद के माध्यम से वार्ड स्तर पर स्थानीय शहवासियों को झण्डे उपलब्ध कराये जायेगे। भारत सरकार तथा आजीविका मिशन द्वारा उपलब्ध झण्डे सिल्क के कपड़े से निर्मित है।
्रबाजार में ३० रूपये लेकर ८०० रूपये मूल्य पर मिल रहे है झण्डे
राष्ट्रीय ध्वज संहिता में किये गये संशोधन २०२१ में अनुसार पालिस्टर सिल्क से बने राष्ट्रीय ध्वज मशीन बने झण्डे को भी अनुमति दी गई है। ध्वज संहिता का पालन करते हुए अब तिरंगा को २४ घन्टे फहराये जाने अनुमति मिली है। हर घर तिरंगा अभियान को लेकर लोगो में उत्साह है। बाजार में भी तिरंगे झण्डे मिल रहे है। मानक साइज के छोटे से बड़े आकार के झण्डो का मूल्य अलग-अलग हैअजयगढ चौहारे के समीप संचालित एक दुकानदार ने बताया कि ३० रूपये से लेकर ८०० रूपये तक के झण्डे जो कि सिल्क है उपलब्ध है
खादी से बने तिरंगो की नही बढी मांग
इसके पूर्व तक खादी से बने तिरंगे झण्डे को ही फहराया जाने की अनुमति थी। खादी के झण्डे श्री खादी आश्रम खादी भंडार से उपलब्ध होते थे। हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम खादी के झण्डो की मांग इस बार भी नही बढ़ी है। जिला मुख्यालय पन्ना स्थित खादी भंडार के मैनजर मुकेश यादव ने बताया कि खादी भंडार में दो फुट लंबाई तथा तीन फुट चौडाई के झण्डे विक्रय के लिए उपलब्ध है। जिनका मूल्य ४५० रूपये से लेकर ११०० रूपये है। ११०० रूपये के मूल्य वाले तिरंगा आईएसआई मार्क वाला है भंडार से अब तक १० झण्डे बिक चुके है और ४०-४५ झण्डे उपलब्ध है इतनी ही मांग हर वर्ष राष्ट्रीय पर्व के समय रहती रही है और इस बार भी उसी तरह की स्थिति हैैैैैैैैैेे। खादी से बने झण्डे सरकारी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों द्वारा हर वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी लिये जा रहे है। शासन की ओर से खादी के झण्डो को लेकर अलग से कोई डिमांड नही मिली है।
Created On :   6 Aug 2022 5:46 PM IST