सभी ने झटके हाथ, दोस्तों का मिला साथ

Everyone leaved hands, friends get along
सभी ने झटके हाथ, दोस्तों का मिला साथ
सभी ने झटके हाथ, दोस्तों का मिला साथ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दोस्ती... एक ऐसा रिश्ता, जिसे हम खुद चुनते हैं।  दोस्ती का रिश्ता सबसे ज़्यादा खूबसूरत होता है। यही एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें कोई शर्त नहीं होती। फ्रेंडशिप डे पर रेशिमबाग निवासी अनूप मसंद ने दोस्ती की कहानी बयां की।  कहा-कोरोनाकाल में जहां रिश्तेदार और खून का रिश्ता रखने वाले तक दूर थे, वहीं कुछ दोस्तों ने हमारी मदद की। यह जानते हुए भी कि हमारा पूरा परिवार पॉजिटिव है। 

पूरा परिवार था पॉजिटिव

अनूप मसंद ने बताया कि पिछले वर्ष 20 जुलाई को मेरी तबीयत खराब थी। कोरोना के पूरे लक्षण थे। उसी दिन  मेरे पिताजी को हार्ट अटैक आया। हिचकिचाते हुए मैंने अपनी समस्या मनोज सामंत और योगेश उत्तमचंदानी को बताई। दोनों तुरंत ही आ गए। दोनों ने और भी दोस्तों राजेश मगरे, अरविंद चतुर्वेदी, सुहास काकडे, शैलेश शर्मा, अभिजीत डोंगे, पराग शिरभाते, गोडे जी को बुला लिया। सभी घर आ गए। फिर पिताजी को अस्पताल में भर्ती करवाया। वे भी कोरोना पॉजिटिव निकले। मैं और मम्मी भी पॉजिटिव मिले। रात को मम्मी की अचानक तबीयत खराब हुई और उनकी डेथ हो गई।

थोड़ी ही देर बाद हॉस्पिटल से  फोन आया कि पापा नहीं रहे। मेरी तो जैसे दुनिया ही खत्म हो गई थी। उसी दिन पत्नी और दोनों बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया। पत्नी और बेटी भी पॉजिटिव थे। मेरे दोस्त बिना पीपीई किट पहने मेरे साथ पूरे समय रहे। उन लोगों ने मुझे, मेरी पत्नी और बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाया।

कोरोनाकाल में कई लोगों ने अपने घर का दरवाजा तक बंद कर लिया, ऐसे समय में दोस्तों ने मदद की। हालांकि हमारी मदद करने के बाद तीन-चार दोस्त और उनका  परिवार भी पॉजिटिव हुआ। 

Created On :   1 Aug 2021 12:34 PM GMT

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