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यूनिवर्सिटी और कॉलेज में केवल अंतिम सेमेस्टर की होगी परीक्षा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के स्नातक और स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों के केवल अंतिम वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा होगी। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को परीक्षा नहीं देना पड़ेगा। इन विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में दाखिले के लिए प्रमोट किया जाएगा। शुक्रवार को प्रदेश के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने यह घोषणा की। सामंत ने कहा कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देश के अनुसार परीक्षा लेने का फैसला किया है। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों की तृतीय वर्ष के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा 1 से 30 जुलाई के बीच होगी। सामंत ने कहा कि अगर राज्य में कोरोना का संकट बना रहा और लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई गई तो 20 जून तक स्नातक और स्नातकोत्तर की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा को लेकर दोबारा समीक्षा की जाएगी।
परीक्षा अगली कक्षा में दाखिला
मंत्री ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के जिन विद्यार्थियों की परीक्षा नहीं होगी उन्हें अगली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। इन विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत ग्रेड और 50 प्रतिशत पूर्व की परीक्षाओं में मिले अंक के आधार पर मूल्यांकन करके प्रोमट किया जाएगा। पूर्व परीक्षा अथवा वार्षिक सत्र का अंक उपलब्ध नहीं होने पर पहले वर्ष की परीक्षा के आधार 100 प्रतिशत अंतर्गत मूल्यांकन होगा। अगर किसी विद्यार्थियों को लगेगा कि मूल्यांकन में उसे कम अंक मिला है तो वह महाविद्यालय शुरू होने के बाद ऐच्छिक परीक्षा दे सकता है। ऐच्छिक परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के स्तर पर होगी। ग्रेड और पूर्व की परीक्षा के अंक मूल्यांकन के बाद भी कोई विद्यार्थी अगर फेल होता है तो उसे भी अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा लेकिन उसे बाद में परीक्षा देनी होगी। एटीकेटी वाले विद्यार्थियों के लिए भी यही नियम लागू होगा। सामंत ने कहा कि प्राध्यापक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की गर्मी की छुट्टी के बारे में फैसला हर विश्वविद्यालय को अपने स्तर पर करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों को होने वाली आशंका को दूर करने के लिए हर जिले में एक केंद्र बनाया जाएगा। सामंत ने कहा कि यूजीसी के दिशानिर्देश के अनुसार 1 सितंबर से नए शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत करना है। इसलिए सभी परीक्षा परिणाम 15 अगस्त तक घोषित करना पड़ेगा। इस दृष्टि से विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है। सामंत ने कहा कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थी आगामी परीक्षा की तारीख को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई शुरू कर दें।
यह भी बोले सामंत
• स्वायत्त विश्वविद्यालयों को भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देश के अनुसार परीक्षा आयोजित करना होगा।
• चार वर्ष के पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को केवल अंतिम यानि आठवें सेमेस्टर की परीक्षा देनी होगी। जबकि पांच वर्ष के पाठ्यक्रम वाले विद्यार्थियों की दसवें सेमेस्टर की परीक्षा होगी।
• जिन पाठ्यक्रमों की परीक्षा वार्षिक होती है उनकी केवल अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी।
• दो वर्ष के पाठ्यक्रमों की केवल चौथे सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित होगी।
• गडचिरोली का गोंडवाना विश्वविद्यालय ग्रीन जोन में है। इसलिए गोंडवाना विश्वविद्यालय को अंतिम वर्ष की परीक्षा के लिए खुद का समय-सारिणी तय करने की छूट दी गई है। गोंडवाना विश्वविद्यालय के अधीन गडचिरोली और चंद्रपुर जिले के महाविद्यालय आते हैं।
• एसएनडीटी विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों की परीक्षा भी राज्य में घोषित तारीखों के अनुसार होंगी जबकि दूसरे राज्यों में स्थित एसएनडीटी महाविद्यालयों की परीक्षा उस राज्य द्वारा घोषित तारीखों के अनुसार होगी।
• सामाईक प्रवेश परीक्षा (सीईटी) के बारे में 8 दिनों में फैसला घोषित होगा।
• डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष की प्रैक्टिकल परीक्षा अगर महाविद्यालयों में नहीं लिया जा सका तो विद्यार्थियों द्वारा जमा कराए गए जर्नल अथवा ऑनलाइन मौखिक परीक्षा लेकर अंक दिए जाएंगे।
Created On :   8 May 2020 8:53 PM IST