ईसाई समुदाय को मिलेगी कब्रिस्तान के लिए जमीन, राजी हुई सरकार

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ईसाई समुदाय को मिलेगी कब्रिस्तान के लिए जमीन, राजी हुई सरकार
ईसाई समुदाय को मिलेगी कब्रिस्तान के लिए जमीन, राजी हुई सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान (सीमेट्री) के लिए आरे कॉलोनी में पांच हजार वर्ग मीटर जमीन देने को राजी है। शुक्रवार को सरकारी वकील गीता शास्त्री ने बांबे हाईकोर्ट को जानकारी दी। जो जमीन कब्रिस्तान के लिए दी जानी है, वह डेयरी डेवलपमेंट विभाग के अंतर्गत आती है। इसलिए पहले डेयरी डेवलपमेंट विभाग जमीन मुंबई महानगरपालिका को देगा। इसके बाद जमीन ईसाई समुदाय को सौंप दी जाएगी। 

सरकार को कड़े शब्दों में लगाई थी फटकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि यदि हम धर्म निरपेक्ष राज्य होने का दावा करते हैं, तो उसे कायम रखना चाहिए। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वे सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन अदालत के सामने सब समान हैं। हाईकोर्ट ने यूनाइटेड क्रिस्चियन कम्युनिटी सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह तल्ख टिप्पणी की थी। मुख्यन्यायाधीश मंजुला चिल्लूर और न्यायमूर्ति एम एस सोनक की खंडपीठ ने सरकार के नगर विकास विभाग को मामले का हल निकालने के लिए कहा था। साथ ही कहा था कि हम धर्म निरपेक्षता में विश्वास रखते हैं, जिसे बरकरार रखना चाहिए। विविधता में एकता हमारी पहचान है। जो हकीकत में भी नजर आनी चाहिए।

हाईकोर्ट के कड़े रुख का असर

मुख्य न्यायाधीश मंजूला चिल्लूर और न्यायमूर्ति एमएस सोनक की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ईसाई समुदाय को जमीन सौंपने के लिए राजी है। दो हफ्ते के भीतर लिखित रुप में दिया जाएगा। कब्रिस्तान के लिए जमीन न मिलने से समुदाय की संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार को कड़े शब्दों में फटकार लगाई थी। मामले को लेकर हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए सरकार जमीन देने के लिए राजी हो गई है।

Created On :   17 Nov 2017 5:08 PM GMT

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