फडणवीस ने सरकार को बताया किसान विरोधी, कृषिमंडी चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान

Fadnavis said, this is anti-farmer government on this issue
फडणवीस ने सरकार को बताया किसान विरोधी, कृषिमंडी चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान
फडणवीस ने सरकार को बताया किसान विरोधी, कृषिमंडी चुनाव में नहीं कर सकेंगे मतदान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कृषि उपज बाजार समितियों (एपीएमसी) के कृषि मंडी के चुनाव में अब किसानों को मतदान करने का अधिकार नहीं होगा। बाजार समितियों में पहले की तरह विभिन्न कार्यकारी सेवा संस्थाओं के बीच से सदस्य का चुनाव होगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे सरकार के इस निर्णय की अलोचना करते हुए कहा है कि यह फैसला किसान विरोधी है। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया। मंत्रिमंडल ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा किसानों को मतदान का अधिकार देने वाले साल 2017 के संशोधन को रद्द करने को मंजूरी दी है। इसके लिए अध्यादेश जारी करने के लिए मान्यता प्रदान की गई है। बाजार समितियों में विभिन्न कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था और बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाओं की प्रबंधन समितियों से चयन किए गए 11 और ग्राम पंचायत सदस्यों में से 4 कुल 15 किसान प्रतिनिधियों का चयन किया जाएगा।

सरकार का कहना है कि बाजार समितियों के चुनाव के लिए किसानों को मतदान का अधिकार होने से मतदाताओं की संख्या में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है। इस कारण बाजार समितियों के चुनाव के खर्च में बढ़ोतरी हुई है। बाजार समितियों को सरकार की तरफ से कोई अनुदान नहीं दिया जाता है। केवल बाजार फीस में से बाजार समितियों को अपना खर्च चलाना पड़ता है। कई बाजार समितियों का चुनाव समय पर नहीं होने के कारण बाम्बे हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी। इसलिए किसानों के मतदान के अधिकार पर पुनर्विचार करने का फैसला किया गया। 

दरअसल सहकारिता क्षेत्र में कांग्रेस-राकंपा का वर्चस्व खत्म करने के लिए तत्कालिन भाजपा सरकार ने साल 2017 में बाजार क्षेत्र में रहने वाले न्यूनतम 10 आर जमीन धारक और बाजार समिति में कृषि उपज बेचने वाले किसानों को मतदान का अधिकार दिया था। इसको अब अध्यादेश के जरिए रद्द करने का फैसला किया गया है। 


सरकार किसान विरोधी- फडणवीस 

बाजार समितियों के चुनाव में किसानों को मतदान का अधिकार रद्द करने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर विपक्षी दल भाजपा ने महाविकास आघाडी सरकार पर हमला बोला है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल का फैसला किसान विरोधी है। फडणवीस ने कहा कि बाजार समितियों के चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ने से चुनावी खर्च में वृद्धि होने का मंत्रिमंडल का दावा हास्यपद है। बाजार समितियों के चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल कर चुनावी खर्च में बचत की जा सकती है। फडणवीस ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार ने किसानों के अधिकार छीन लिए हैं। निदेशकों और व्यापारियों की मिलीभगत से किसानों को मुश्किलें हो रही थी। किसानों के हित के लिए उन्हें चुनाव में मतदान का अधिकार दिया गया था। इससे बाजार समितियों में वर्चस्व रखने वाले मुट्ठी भर स्थापित लोगों को धक्का लगा था। फडणवीस ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल के इस फैसले के विरोध में विधानमंडल के दोनों सदनों में किसानों के पक्ष को मजबूती से रखा जाएगा। किसानों के हितों के लिए जरूरत पड़ने पर अदालत के स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।
 

Created On :   22 Jan 2020 8:45 PM IST

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