पाखंडी भोंदुबाबा का भंडाफोड़, पुलिस के पहुंचते ही हुआ फरार

Fake Bhondubaba exposed by the police in an action, baba abscond
पाखंडी भोंदुबाबा का भंडाफोड़, पुलिस के पहुंचते ही हुआ फरार
पाखंडी भोंदुबाबा का भंडाफोड़, पुलिस के पहुंचते ही हुआ फरार

डिजिटल डेस्क, अमरावती। पिंपलखुटा के शंकर महाराज के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश न्यायालय ने दिए हैं। यह मामला सुर्खियों में ही था कि अमरावती शहर के कांतानगर स्थित शासकीय कालोनी निवासी घोंगडे महाराज उर्फ पवन उर्फ विशाल घोंगडे (22) के खिलाफ जादूटोना विरोधी अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया है। किंतु पुलिस के पहुंचने के पहले ही वह फरार हो गया। पुलिस ने घोंगडे महाराज के सहयोगी और उसकी मां को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। पुलिस भोंदू महाराज घोंगडे की तलाशी में जुट गई है। 

जानकारी के अनुसार पवन उर्फ विशाल घोंगडे महाराज स्वयं को देवी का अवतार बता रहा था और स्वयं के शरीर में पिंगलादेवी का वास होने का बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। अष्टमी, पूर्णिमा, नवरात्रि, अधिकमाह में अपनी समस्या लेकर आनेवाले भोलेभाले भक्तों को नींबू, हल्दी-कुमकुम, अंगारा व तंत्रमंत्र का धागा बांधकर अलग-अलग टोटके बताकर समस्या दूर करने का दावा कर रहा था। जिससे कांतानगर परिसर निवासी इस जादूटाने के क्रियाकलापों से दहशत में थे। विगत वर्ष घोंगड़े महाराज के खिलाफ नागरिकों ने गाडगे नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। उस समय भोंदूबाबा ने परिसर के लोगों को तंत्र-मंत्र शक्ति का भय दिखाते हुए उन्हें चुप कराने का प्रयास किया था।

इस क्षेत्र के नागरिकों का आरोप है कि उक्त भोंदूबाबा के कुछ प्रतिष्ठित नेताओं के साथ संबंध है और वे भी बाबा के भक्त हैं। समस्याग्रस्त भोलीभाली जनता इस भोंदूबाबा के चक्कर में आकर बतौर देन अपने खून-पसीने की कमाई लुटा देती है।

महाराज की जादूटोने की क्रियाओं से परेशान परिसर के नागरिकों ने पुन: गाडगे नगर पुलिस थाने में 21 मार्च को शिकायत दर्ज करायी थी। इसके अलावा अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को भी इस भोंदूबाबा की दहशत से मुक्त करने की शिकायत दी थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अमरावती जिला अखिल भारतीय अनिस की टीम ने जांच-पड़ताल आरंभ की। अनिस के कार्यकर्ता हरीश केराल, नरेश कुर्हेकर और दीपाली ठाकरे भक्त बनकर भोंदूबाबा के पास पहुंचे। इस समय दीपाली के साथ आए दो भक्तों ने बाबा को बताया कि दीपाली रोजाना मध्यरात्री के समय घर से बाहर चले जाने की समस्या बतायी। जिस पर बाबा ने दीपाली के हाथ को धागा बांधा और रोजाना अंगारा खाने के लिए दिया। इसके अलावा पूर्ण अधिकमाह में रोजाना आरती के समय शरीर में आनेवाले देवी के दर्शन के लिए लाया जाए। जिसके बाद समस्या का निराकरण होगा।

इसके अलावा भक्त नरेश कुरहेकर को भोंदूबाबा ने खेत में फसल की बेहतर उपज के लिए हलकुंड फसलों को बांधने की सलाह दी। इस दौरान दोनों भक्त छुपे विडियो कैमरे से उपरोक्त मामले को रिकॉर्ड कर रहे थे। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने तत्काल गाडगे नगर पुलिस स्टेशन पहुंचकर पुलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे को विडियो क्लिप दिखाई और बताया कि भोंदूबाबा भोलेभाले भक्त को ठग रहा है। 

जादूटोना विरोधी अधिनियम अंतर्गत अपराध दर्ज करने की मांग की
मामले में गाडगे नगर पुलिस ने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मनीष ठाकरे ने नियमों के तहत जांच पड़ताल करने के बाद संबंधित भोंदूबाबा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। संपूर्ण जांच पड़ताल करने के बाद जब पुलिस भोंदूबाबा को गिरफ्तार करने पहुंची उस समय पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही वह घटनास्थल से फरार हो गया। जिसके बाद पुलिस ने भोंदू महाराज घोंगडे के सहयोगी व उसकी मां को हिरासत में लेकर जांच आरंभ की है। वहीं भोंदू महाराज को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस का अलग-अलग दल बनाकर तलाशी आरंभ कर दी गई है।

मामले का पर्दाफाश करने के लिए अखिल भारतीय अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एड. गणेश हलकारे, राज्य उपाध्यक्ष डा. डी.बी. बेलसरे, जिलाध्यक्ष संजय देशमुख के मार्गदर्शन में शेखर पाटील, हरीश केदार, नरेश कुरहेकर, राजीव खिराडे, मंगेश खेरडे, दीपाली ठाकरे, धनंजय ठाकरे, अजय केने, विजय कुलकर्णी, सुनील मुंडने, विनोद वानखडे, संदीप बनसोड ने योगदान दिया। 
 

Created On :   15 Jun 2018 10:27 AM GMT

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