इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी के लिए कर्ज वाले कागजात पर कराते थे फर्जी लोन

fake loans by the papers which used in loans made for purchase of electronic goods
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी के लिए कर्ज वाले कागजात पर कराते थे फर्जी लोन
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की खरीदारी के लिए कर्ज वाले कागजात पर कराते थे फर्जी लोन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसी भी दुकान, मॉल में जाने वालों के लिए बैंक इन दिनों तुरंत कर्ज (इंस्टेंट लोन) मुहैया कराते हैं। इसके लिए बैंकों के प्रतिनिधि वहां तैनात रहते हैं जो कागजात के आधार पर लोन मंजूर कर लेते हैं। लेकिन करीब दो दर्जन लोगों को तुरंत कर्ज की यह चाहत मंहगी पड़ी और उनके कागजात का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से कर्ज ले लिया गया। मामले का खुलास तब हुआ जब एचडीएफसी बैंक ने मामले की शिकायत एमआईडीसी पुलिस से की।


एक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने मामले में संतोष शिंदे नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी कागजात के आधार पर अब तक 23 लोगों के नाम पर 12 लाख 68 हजार रुपए से ज्यादा का सामान खरीदने की बात स्वीकार की है। आरोपी दुकानों से खरीदा गया नया सामान सस्ती दरों पर बाहर बेंच देते थे। दरअसल बैंक मोबाइल फोन, टीवी, फ्रीज जैसे सामानों के लिए तुरंत 60 से 70 हजार रुपए का कर्ज उपलब्ध कराते हैं। इसके लिए ग्राहकों से उनके पैन कार्ड, आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र लिए जाते थे। दुकानों और मॉल में बैठे बैंक के प्रतिनिधि कागजात आनलॉइन अपलोड करते थे और तुरंत कर्ज की मंजूरी मिल जाती थी और ग्राहक को सामान मिल जाता था। 


दूसरों के पहचान पत्र पर अपनी फोटो लगाकर करता था स्कैन
इसी का फायदा उठाकर शिंदे ने इरफान नाम के एक शख्स से दोस्ती की जो बैंक के प्रतिनिधि के तौर पर क्रोमा के एक स्टोर में बैठता था। इसके बाद शिंदे दूसरे ग्राहकों से मिले पहचान पत्र पर अपनी फोटो लगाकर स्कैन कर लेता था। साथ ही उस नाम से मोबाइल का सिम हासिल कर लेता था। इसके बाद दूसरों के नाम के सहारे आरोपी कर्ज लेकर आईफोन समेत दूसरे मंहगे फोन खरीदता था और इसे बेच देता था। इस काम में मंचेकर नाम का एक और शख्स दोनों की मदद करता था। शिंदे के अलावा बाकी आरोपी फरार हैं पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

Created On :   8 Feb 2018 6:42 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story