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संबल योजना का लाभ पाने के लिए एक साल से भटक रहा आदिवासी मृतक का परिवार
डिजिटल डेस्क शहडोल । सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए एक आदिवासी परिवार पिछले एक साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। ब्यौहारी ब्लॉक की ग्राम पंचायत अलहरा के निवासी राजेंद्र सिंह गोंड की बीते वर्ष आकस्मिक मृत्यु होने के बाद परिजनों को अब तक संबल योजना का लाभ नहीं मिल सका।
दरअसल, अलहरा सचिव रामकृष्ण तिवारी ने दस्तावेजों में मृतक की उम्र 60 वर्ष दर्शाकर लाभार्थियों को अनुग्रह सहायता राशि से वंचित कर दिया। जबकि आधार और वोटर आईडी के मुताबिक मृतक की वास्तविक उम्र 45 वर्ष है। योजना का लाभ न मिलने पर मृतक की पत्नी रामप्यारी द्वारा मामले की शिकायत जनपद पंचायत ब्यौहारी के सीईओ एके सोनी से की गई। ब्यौहारी सीईओ ने सचिव को कारण बताओ नोटिस तो जारी किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने मामले पर न ही कोई कार्रवाई की और न ही मृतक के परिजनों को अनुग्रह सहायता राशि प्राप्त हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव को ब्यौहारी सीईओ का संरक्षण प्राप्त है। प्रशासन से सहायता न मिलने पर लॉकडाउन के चलते परिजनों को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ा। बहरहाल यह मामला जिला कलेक्टर के पास लंबित है।
मजदूरों को भी नहीं दी मजदूरी
अलहरा के मजदूरों का आरोप है कि उन्हें पंचायत की ओर से मजदूरी राशि नहीं दी गई। इस संबंध में सचिव के खिलाफ ब्यौहारी सीईओ से तीन महीने पहले शिकायत की गई, लेकिन इस मामले में भी सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही मजदूरी राशि प्राप्त हुई। वर्तमान में रामकृष्ण तिवारी को अलहरा के साथ ग्राम पंचायत निपनिया के सचिव प्रभार दिया गया है, जहां हाल ही में एक परकोलेशन टैंक का निर्माण हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह कार्य जेसीबी मशीन द्वारा कराया गया, जबकि इसके लिए हितग्राहियों को मजदूरी दी जानी चाहिए थी। अब कोरम पूरा करने के लिए दस्तावेजों में हेर-फेर की जा रही है।
इनका कहना है
मैं इस संबंध में ब्यौहारी जनपद के सीईओ से बात करता हूं और इस मामले को दिखवाता हूं।
पार्थ जायसवाल, सीईओ जिला पंचायत
Created On :   24 Jun 2020 10:07 AM GMT